(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
नई सदी के नए समझौते! भारत-अमेरिका ने 5 अहम डिफेंस डील पर किए साइन, जानिए क्यों है ऐतिहासिक
Defense Deal India: अमेरिका और भारत में के राष्ट्राध्यक्षों के बीच हुए अहम समझौतों को 21वीं सदी में भारत और अमेरिका के बीच हुए अहम रक्षा समझौतों में से एक माना जा सकता है.
Deals Between India-USA: अमेरिका के तीन दिवसीय राजकीय दौरे पर गए पीएम मोदी ने शुक्रवार (23 जून) को राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ द्विपक्षीय बातचीत की. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच कई मुद्दों पर बात हुई, जिसमें दोनों ही नेता कुल पांच समझौतों पर आगे बढ़ने को राजी हुए. दोनों नेताओं ने अपने संयुक्त संबोधन में रक्षा, आर्थिक सहयोग, इंटेलिजेंस ट्रांसफर, कृषि जैसे मुद्दों पर आगे बढ़ने की बात स्वीकारी.
हालांकि, रक्षा क्षेत्र में दोनों नेताओं के बीच हुई डील बेहद अहम मानी जा रही है, और दोनों देशों के नेताओं ने एक दूसरे के साथ इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए कुल 5 बड़े समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे आने वाले दिनों में भारत-अमेरिका एक दूसरे के अहम सहयोगी बन जाएंगे.
क्या हैं वो 5 अहम समझौते?
दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने पहले समझौते में भारत में निर्मित स्वदेशी विमान तेजस के लिए सेंकेड जनरेशन जीई-414 जेट इंजन के निर्माण पर दस्तखत किए हैं. इसके मुताबिक अमेरिका भारत की विमानन पार्ट उत्पादन कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को तकनीकि ट्रांसफर करेगी और इन जेट इंजन के निर्माण में मदद करेगी.
दूसरे समझौते के मुताबिक, दोनों देश M-777 लाइट होवित्जर तोपों को अपग्रेड करने पर काम करेंगे. इन तोपों का निर्माण कहां किया जाएगा इसके बारे में अभी कोई जानकारी नहीं मिली है. तीसरे समझौते के मुताबिक दोनों देश स्ट्राइकर बख्तरबंद वाहनों का साझा उत्पादन करेंगे. जिनमें से ज्यादातर का उत्पादन भारत में किए जाने की संभावना है.
चौथे समझौते के मुताबिक, अमेरिकी प्रीडेटर ड्रोन भारत को दिए जाएंगे जिससे भारत की सुरक्षा एजेंसियां विभिन्न सैन्य ऑपरेशन में इस्तेमाल कर सकेंगी. इन ड्रोन के उत्पादन का तकनीकि ट्रांसफर भारत को किया जाएगा. पांचवे समझौते के मुताबिक अमेरिका की दूर तक मार करने वाली बम मिसाइल का उत्पादन भी भारत में होगा.