वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी दौरे का आज आखिरी दिन है. पीएम ने आज शहंशाहपुर गांव में एक स्वच्छता संबंधी कार्यक्रम में हिस्सा लिया और गड्ढा खोदकर शौचालय की नींव रखी.
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- इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी पशुधन आरोग्य मेला पहुंचे और उद्घाटन किया.
- यूपी के सीएम आदित्यनाथ की मौजूदगी में पीएम मोदी ने शहंशाहपुर में गड्ढा खोदकर शौचालय की नींव रखी.
- पशुधन आरोग्य मेले के आयोजन के लिए पीएम मोदी ने यूपी सरकार और सीएम योगी को दी बधाई.
- पीएम मोदी ने आज पशुधन आरोग्य मेले का उद्घाटन किया, मेला लगाने के लिए यूपी सरकार की तारीफ की.
- हम सिर्फ वोट बैंक के लिए काम नहीं करते हमारे लिए दल से बड़ा देश है, पशु वोट नहीं दे सकते इसलिए दूसरे दलों ने पशुओं पर ध्यान नहीं दिया.
- अगर देश में दूध उत्पादन बढ़ेगा तो नई आर्थिक क्रांति आएगी, 2022 तक हमने किसानों की आय को दोगुनी करने का संकल्प लिया है.
- पीएम मोदी ने कहा, स्वच्छता मेरे लिए पूजा है इसके जरिए मैं गरीबों की भलाई करना चाहता हूं.
- शहंशाहपुर गांव में लोगों को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा, अगर घर में टॉयलेट होगा तो हर वर्ष बीमारी पर 50 हज़ार का खर्च बचेगा.
- अखिलेश राज पर पीएम मोदी का हमला, बेघर लोगों की लिस्ट बार-बार मांगने के बाद भी नहीं भेजी गई.
- देश में गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार की प्राथमिक सुविधाओं के प्रति पुरानी सरकारें उदासीन थीं: पीएम मोदी
- कालाधन, भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी बड़ी लड़ाई जारी रहेगी, GST ईमानदारी के अभियान का एक हिस्सा है: पीएम मोदी
- पीएम मोदी ने यूपी में शौचालय को 'इज्जत घर' का नाम देने के लिए पीएम ने योगी सरकार की सराहना की.
बता दें कि मोदी जिस शहंशाहपुर गांव पहुंचे हैं वहां से करीब 450 साल पहले शहंशाह हुमायूं ने रात्रि विश्राम किया था. गांव मोदी के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी से लगभग 30 किलोमीटर दूर है. शहंशाहपुर के बारे में प्राचीन किस्से प्रचलित हैं. कहा जाता है कि गांव का नाम शहंशाह हुमायूं के नाम पर पड़ा. हुमायूं शेरशाह सूरी से चौसा के युद्ध में पराजित होने के बाद देर रात गंगा नदी पार कर इस गांव पहुंचा था.
स्थानीय लोग कहते हैं कि उसी समय गांव की एक वृद्धा ने उन्हें अपनी झोपड़ी में शरण दी थी. वृद्धा को मालूम नहीं था कि वह हुमायूं हैं. कई बरस बाद जब हुमायूं के सैनिक गांव पहुंचे तो वहां के निवासियों को पता चला कि रात्रि विश्राम करने वाला मेहमान कौन था. फिर गांव का नाम शहंशाहपुर रखा गया, जो पहले कालूपुर के नाम से जाना जाता था. शहंशाहपुर गांव जयापुर गांव से पांच किलोमीटर से भी कम दूरी पर है. जयापुर गांव को प्रधानमंत्री मोदी ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत सात नवंबर 2014 को गोद लिया था. जयापुर वाराणसी जिले के सेवापुरी विधानसभा क्षेत्र में आता है.