शिरडी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शिरडी में साईं बाबा के मंदिर पहुंचे और पूजा अर्चना की. प्रधानमंत्री ने मंदिर में पूरे विधि विधान और भक्ति भाव से पूजा की, प्रधानमंत्री ने साईं बाबा की आरती भी उतारी.






प्रधानमंत्री साईं बाबा को पारंपरिक चादर भी चढ़ाई. इसके साथ ही उन्होंने मंदिर की विजिटर्स बुक में भी संदेश भी लिखा. तीन दिन से चल रहे इस समारोह की ध्वजा उतारकर प्रधानमंत्री ने समारोह का औपचारिक समापन किया. प्रधानमंत्री मोदी ने 475 करोड़ रुपए के विकास कार्यों की सौगात भी सौंपी है. प्रधानमंत्री के साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राज्यपाल भी मौजूद रहे.


शिरडी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बड़ी जनसभा को भी संबोधित किया. प्रधानमंत्री ने देशवासियों को विजयदशमी की शुभकामनाएं दीं. प्रधानमंत्री ने कहा, ''आप सभी को, पूरे महाराष्ट्र को, पूरे भारत वर्ष को, देश के जन-जन को दशहरे की, विजय दशमी की बहुत-बहुत बधाई. हम सभी का ये प्रयास रहता है कि हर पर्व को अपनों के साथ मनाएं. मेरी भी ये कोशिश रहती है कि हर त्योहार देशवासियों के साथ मनाऊं और इसी भावना के साथ आज आप सभी के बीच उपस्थित हुआ हूं.''


प्रधानमंत्री ने कहा, ''दशहरे के साथ-साथ हम आज शिरडी की इस पावन भूमि पर, एक और पवित्र अवसर के साक्षी बन रहे हैं. साई बाबा की समाधि के शताब्दी समारोह का भी आज समापन हुआ है. थोड़ी देर पहले ही मैंने साई दरबार के दर्शन किए हैं. मैं जब भी श्री साई बाबा के दर्शन करता हूं, तो करोड़ों श्रद्धालुओं की तरह मुझे भी जनसेवा के लिए खुद को समर्पित करने का नया उत्साह मिलता है.''


प्रधानमंत्री ने कहा, ''शिरडी के कण-कण में साई के मंत्र, उनकी सीख है. जनसेवा, त्याग और तपस्या की जब बात आती है तो शिरडी का उदाहरण दिया जाता है. शिरडी तात्या पाटील की नगरी है. दादा कोते पाटील ,माधवराव देशपांडे जैसे महापुरुष इसी धरती ने दिए हैं.''


प्रधानमंत्री ने कहा कि साईं सबको जोड़ने का काम करते हैं, इसके साथ ही उन्होंने साईं ट्रस्ट की भी तारीफ की. प्रधानमंत्री ने कहा, ''साई का मंत्र है-सबका मालिक एक है. साईँ के ये चार शब्द समाज को एक करने का सूत्रवाक्य बन गये. साई समाज के थे और समाज साई का था. साई ने समाज की सेवा के कुछ रास्ते बताए थे. मुझे प्रसन्नता है साई बाबा के दिखाए रास्ते पर श्री साई बाबा संस्थान ट्रस्ट, निरंतर समाज की सेवा कर रहा है.''


प्रधानमंत्री ने मुझे खुशी है कि दशहरे के इस पावन अवसर पर मुझे महाराष्ट्र के ढाई लाख बहनों-भाइयों को अपना घर सौंपने का अवसर मिला है. मेरे वो भाई बहन जिनके लिए अपना घर, हमेशा सपना ही रहा है. अपने इस विशाल परिवार के सदस्यों को एक साथ गृह प्रवेश कराने से बड़ी, अपने गरीब भाई-बहनों की सेवा से बड़ी, दशहरे की पूजा भला मेरे लिए क्या हो सकती थी?''


कांग्रेस पर साधा निशाना, कहा- एक परिवार के नाम प्रचार किया गया
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ''कोशिशें पहले भी हुई हैं, लेकिन दुर्भाग्य से उनका लक्ष्य गरीबों को घर देकर सशक्त करने के बजाय, एक विशेष परिवार के नाम का प्रचार करना अधिक रहा है. घर अच्छा हो, उसमें शौचालय हो, बिजली हो, पानी हो, गैस का कनेक्शन हो, इस पर पहले कम ही ध्यान दिया गया. जब किसी योजना के मूल में राजनीतिक स्वार्थ के बजाय गरीब का कल्याण हो, उसके जीवन को आसान बनाने की प्रेरणा हो, तब काम की गति कैसे बढ़ती है, ये आज देश के सामने है.''

उन्होंने आगे कहा, ''पिछली सरकार ने अपने आखिरी चार वर्षों में सिर्फ 25 लाख घर बनाए थे, जबकी बीते चार वर्षों में भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने एक करोड़ 25 लाख घर बनाए हैं. सोचिए, एक करोड़ ज्यादा मकान. सब कुछ तो वही है, वही साधन, वही संसाधन, वही लोग, लेकिन साफ नीयत से, गरीब की सेवा के भाव से जब काम होता है, तो ऐसे ही नतीजे मिलते हैं.''