PM Modi Gujarat Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार (19 अक्टूबर) को गुजरात के गांधीनगर में 'डिफेंस एक्सपो' (Defence Expo 2022) का उद्घाटन किया. इसके अलावा पीएम मोदी ने दीसा (Deesa) में भारत-पाकिस्तान सीमा (India-Pakistan Border) के पास एक नए सैन्य एयरबेस (Military Airbase) की आधारशिला भी रखी. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि नया एयरबेस देश की सुरक्षा के लिए एक प्रभावी केंद्र के रूप में उभरेगा. गुजरात (Gujarat) भारत में रक्षा का केंद्र बनेगा और भारत की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाएगा. उन्होंने कहा कि दीसा के लोग नए हवाई क्षेत्र के निर्माण को लेकर उत्साहित थे. यह हवाई क्षेत्र एक प्रमुख भूमिका निभाएगा. दीसा अंतर्राष्ट्रीय सीमा से केवल 130 किमी दूर है.
क्या बोले पीएम मोदी?
पीएम मोदी ने गुजराती में दीसा के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जब वह मुख्यमंत्री थे, उन्होंने हवाई क्षेत्र के निर्माण की दिशा में काम किया. इसके लिए भूमि केवल 2000 में आवंटित की गई थी. पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने बार-बार तत्कालीन केंद्र सरकार से निर्माण शुरू करने का आग्रह किया क्योंकि यह एक सुविधाजनक बिंदु पर है, लेकिन 14 साल बीत गए और कुछ नहीं हुआ. पीएम मोदी ने तत्ककालीन यूपीए सरकार (UPA Government) पर हमला करते हुए कहा कि उस समय फाइलें इस तरह से बनाई गईं कि मेरे केंद्र में पहुंचने के बाद भी, परियोजना को आगे बढ़ाने में समय लगा. अब मेरे रक्षा कर्मियों का सपना सच हो रहा है. वह अपने वायु सेना के सैनिकों को बधाई देते हैं.
जानिए क्यों खास होगा दीसा एयरबेस?
दीसा हवाई अड्डा मीरपुर खास, हैदराबाद, पाकिस्तान के जैकबाबाद में शाहबाज एफ-16 एयरबेस से उड़ान भरने वाले दुश्मन के विमानों के लिए आग की दीवार साबित होगी. दीसा पाकिस्तानी शहरों हैदराबाद, कराची और सुक्कुर को भी अपने गहरे पैठ वाले स्ट्राइक एयरक्राफ्ट से कमजोर बनाएगी. चूंकि दीसा एक फॉरवर्ड एयरबेस है, इसलिए IAF का इस एयरफील्ड पर अपने फ्रंटलाइन राफेल या Su-30 MKI लड़ाकू विमानों को तैनात करने का कोई इरादा नहीं है.
इसके बजाय, यह मिग-29 और तेजस जैसे वायु रक्षा सेनानियों को तैनात करेगा ताकि दुश्मन के लड़ाकों को रोका जा सके और गुजरात के औद्योगिक परिसर को निशाना बनाने की उनकी क्षमता को निष्प्रभावी किया जा सके. भविष्य में किसी भी भूमि आक्रमण को समर्थन देने के अलावा गुजरात या दक्षिण-पश्चिमी सेक्टर में एक बड़े आतंकी हमले के मामले में पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के लिए भी एयरबेस का इस्तेमाल किया जा सकता है.
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