Maharashtra Samruddhi Mahamarg: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) अगले महीने नागपुर-मुंबई समृद्धि एक्सप्रेसवे (Nagpur Mumbai Samruddhi Expressway) का उद्घाटन करेंगे. दिवाली के मौके पर महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) सरकार जनता को ये खास तोहफा देने जा रही है. अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में पीएम इसके उद्घाटन के लिए नागपुर जाएंगे. इस एक्सप्रेस का पहला चरण पूरा कर लिया गया है.
महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग
मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे 701 किमी लंबा और 6 लेन का हाईवे है. जरूरत होने पर इसे 8 लेन तक बढ़ाया जा सकता है. इसे 150 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार के लिए डिजाइन किया गया है. हालांकि इस रफ्तार से इस एक्सप्रेसवे पर वाहन दौड़ाने के लिए टोल टैक्स भी देना होगा. इसके लिए यहां 26 टोल टैक्स काउंटर बनाए गए हैं.
एक्सप्रेसवे की अनुमानित लागत 55000 करोड़ आंकी गई है. इसे आधिकारिक तौर पर बाला साहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग (Maharashtra Samruddhi Mahamarg) के तौर पर भी जाना जाता है. एक्सप्रेसवे का पहला फेज, नागपुर से शिरडी तक, बनकर तैयार है.
समय की होगी डबल बचत
इस एक्सप्रेस वे से मुंबई से नागपुर के सफर में लगने वाला वक्त आधा घट जाएगा. पहले 16 घंटे लगते थे, अब 8 घंटे में सफर पूरा हो जाएगा. इस पर 1268 पेड़ लगाने की भी योजना है. एक्सप्रेसवे निर्माण का एलान 2015 में किया गया था. इसे महाराष्ट्र के पिछड़े इलाके विदर्भ के विकास को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है. दिसंबर 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई- नागपुर एक्सप्रेसवे की नींव रखी थी.
इस एक्सप्रेस वे को दिसंबर 2022 तक पूरा किए जाने का लक्ष्य रखा गया है.गौरतलब है कि इस एक्सप्रेस वे का नागपुर और शेलू बाजार, वाशिम जिले के बीच का 210 किमी का हिस्सा इसी साल मई में चालू हो चुका है. शेलू बाजार से शिरडी तक जाने वाला 310 किमी लंबा हिस्सा अब जनता के लिए खुलने के लिए तैयार है.
ग्रामीण क्षेत्रों के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच
यह एक्सप्रेस वे महाराष्ट्र के 10 जिलों और 390 गांवों से होकर गुजरता है. एक्सप्रेसवे मुंबई में देश के सबसे बड़े कंटेनर पोर्ट (JNPT) मुंबई को नागपुर के मिहान (Mihan) मल्टीमॉडल इंटरनेशनल हब एयरपोर्ट से जोड़ता है. यह दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे, बेंगलुरु-चेन्नई आर्थिक गलियारे, पश्चिमी समर्पित फ्रेट कॉरिडोर, पूर्वी समर्पित फ्रेट कॉरिडोर, चेन्नई-विजाग आर्थिक गलियारे और स्वर्णिम चतुर्भुज को बड़े स्तर पर जोड़ेगा.
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