Mann Ki Baat: तीसरी बार पीएम बनने के बाद पहली मन की बात... मोदी ने क्यों जारी किया ये नंबर?
Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 30 जून को वापसी होनी है. पीएम ने खुद कार्यक्रम शुरु होने की जानकारी देते हुए लोगों से सुझाव भी मांगे हैं.
Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (18 जून) को कहा कि आकाशवाणी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ का प्रसारण 30 जून से फिर से शुरू होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के लिए अपने विचार और सुझाव साझा करने का आग्रह किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘एक्स’ की एक पोस्ट में कहते है, ‘‘यह बताते हुए खुशी हो रही है कि चुनाव के कारण कुछ महीनों के अंतराल के बाद मन की बात वापस आ गया है. इस महीने का कार्यक्रम रविवार, 30 जून को होगा. मैं आप सभी से रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के लिए अपने विचार और सुझाव साझा करने का आग्रह करता हूं.’’
पीएम मोदी ने क्यों जारी किया नंबर?
पीएम मोदी ने एक्स पर किए पोस्ट में सबके लिए एक नंबर जारी करते हुए उस पर मैसेज रिकॉर्ड कर भेजने की अपील की. इसके साथ उन्होंने माई जीओवी ओपन फोरम और नमो एप के जरिए भी सुझाव मांगे.
Delighted to share that after a gap of some months due to the elections, #MannKiBaat is back! This month's programme will take place on Sunday, 30th June. I call upon all of you to share your ideas and inputs for the same. Write on the MyGov Open Forum, NaMo App or record your…
— Narendra Modi (@narendramodi) June 18, 2024
30 जून से शुरू होने वाला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ आखिरी बार 25 फरवरी को प्रसारित किया गया था और फिर कुछ दिनों बाद ही लोकसभा चुनाव संपन्न होने तक इसके प्रसारण पर विराम लगा दिया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कार्यक्रम के फिर से शुरु होने की जानकारी दी.
25 फरवरी को आखिरी बार प्रसारित हुआ था 'मन की बात'
कार्यक्रम के 110वें संस्करण में पीएम मोदी ने पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं से चुनाव में रिकॉर्ड संख्या में मतदान करने की अपील की थी. उन्होंने कहा था कि उनका पहला वोट देश के नाम होना चाहिए. जिसका कई पार्टियों ने विरोध करते हुए आपत्ति जताई. विपक्षी दलों ने कहा कि आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) के दिशानिर्देश के अनुसार ऐसे किसी माध्यम से सत्तारूढ़ पार्टी अपना प्रचार नहीं कर सकती, उसे राजनीतिक लाभ के लिए प्रयोग नहीं कर सकती.
निर्वाचन आयोग की आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) के दिशानिर्देश के अनुसार सरकार की ओर से आधिकारिक कार्यक्रमों या सार्वजनिक वित्त पोषित मंचों का उपयोग किसी ऐसी चीज के लिए नहीं हो सकता है, जिससे सत्तारूढ़ पार्टी का प्रचार हो या उसे राजनीतिक लाभ मिलता दिखाई दे.
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