सुरक्षा कारणों से समुद्र नहीं, हवाई रास्ते से इंडोनेशिया पहुंचेंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी 1 जून को योग्याकार्ता स्थित कैंडी प्रांबनन मंदिर जाएंगे जो इंडोनेशिया में खोजा गया सबसे पुराना हिंदू मंदिर है. वहीं पीएम मोदी यूनेस्को विश्व धरोहर कहलाने वाले बोरोबुदूर बौद्ध मंदिर भी जाएंगे.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय ने पीएम नरेंद्र मोदी की अगले हफ्ते होने वाली इंडोनेशिया यात्रा के लिए समुद्री रास्ते के सफर की योजना को सुरक्षा कारणों से खारिज कर दिया है. मई 29 से जून 2 के बीच इंडोनेशिया और सिंगापुर के इस दौरे पर रवाना हो रहे हैं. दो देशों की इस यात्रा के पहले पड़ाव में मोदी के समुद्रीय मार्ग से इंडोनेशिया पहुंचने की योजना भी बनाई गई थी. हालांकि भारतीय पीएम के सुरक्षा चिंताओं और खुले समंदर में सफर के खतरों का आकलन करने के बाद उसे खारिज कर दिया गया. अब पीएम विमान से ही पहले जकार्ता और फिर सिंगापुर जाएंगे.
खुले समंदर में चार घंटे सफर की चिंता
पीएम मोदी के विदेश दौरे की तैयारी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री की इस यात्रा की अहमियत और इंडोनेशिया जैसे मुल्क से करीबी को रेखांकित करने के लिए समंदर के रास्ते यात्रा का विकल्प तलाशा गया. इस कड़ी में भारत भूमि के अंतिम छोर यानी अंडमान-निकोबार द्वीप समूह स्थित इंदिरा पाइंट से नौसैनिक युद्धपोत में प्रधानमंत्री के इंडोनेशियाई द्वीप सबांग तक सफर का रास्ता भी चुना गया था. नौसैनिक युद्धपोत आइएनएस दिल्ली से यात्रा की योजना भी बनी थी. सूत्रों बताते हैं कि चूंकि यह दूरी महज साढ़े तीन घंटे के समुद्री सफर की थी इसलिए इस पर गंभीरता से विचार किया गया था. मगर बाद में सुरक्षा कारणों से इसे फाइनल नहीं किया गया क्योंकि सुरक्षा एजेंसिया खुले समुद्र में प्रधानमंत्री के इतने लंबे समय तक रहने को लेकर जोखिम उठाने को तैयार नहीं थी.
जहाज के इंडोनेशिया गए थे जवाहर लाल नेहरू
पीएम मोदी यदि हिंद महासागर के रास्ते इंडोनेशिया सफर करते तो जवाहर लाल नेहरू के बाद ऐसा करने वाले देश के दूसरे प्रधानमंत्री होते. इंडोनेशिया की आजादी के बाद 1950 में पहले राजकीय अतिथि के तौर पर नेहरू दिल्ली नामक जहाज में ही जकार्ता पहुंचे थे. हालांकि रिकॉर्ड बताते हैं कि इस यात्रा में नेहरू का जहाजी बेड़ा हादसे का शिकार होते-होते बचा था क्योंकि स्वागत की तैयारियों में तैनात इंडोनेशियाई युद्धपोत ने 21 तोपों की सलामी के दौरान असली गोले दाग दिए थे. नेहरू के जहाज की हिफाजत के लिए गए भारतीय युद्धपोतों ने किसी तरह खुद को बचाया था.
एक्ट ईस्ट की नई कड़ी है इंडोनेशिया और सिंगापुर की यात्रा
बहरहाल, प्रधानमंत्री के तौर पर मोदी की इंडोनेशिया यात्रा दक्षिण पूर्व एशिया के सबसे बड़े देश के साथ रणनीतिक संबंधों के तार मजबूत करना है. इस दौरे में भारत की कोशिश इंडोनेशिया में चीन के बढ़ते दबदबे से मुकाबले अपने रिश्तों को नया रंग-रोगन देने की होगी. इसके लिए पीएम मोदी पुराने सांस्कृतिक संबंधों को सींचने और सामरिक साझेदारी के नए प्रस्तावों का सहारा लेंगे.
इंडोनेशिया में खोजे गए सबसे पुराने हिंदू मंदिर भी जाएंगे पीएम मोदी
इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री 1 जून को योग्याकार्ता स्थित कैंडी प्रांबनन मंदिर जाएंगे जो इंडोनेशिया में खोजा गया सबसे पुराना हिंदू मंदिर है. वहीं पीएम मोदी यूनेस्को विश्व धरोहर कहलाने वाले बोरोबुदूर बौद्ध मंदिर भी जाएंगे. योग्याकार्ता में प्रधानमंत्री पतंगबाज़ी के एक कार्यक्रम में भी शरीक होंगे जो इंडोनेशिया में भी उतनी ही लोकप्रिय है जितनी भारत में है.
...तो मेजबान के साथ रोजा इफ्तार में शरीक होंगे मोदी
प्रधानमंत्री मोदी की इंडोनेशिया यात्रा ऐसे वक्त हो रही है जब इस्लाम धर्मावलंबियों का पवित्र रमजान का महीना चल रहा है. सूत्रों के मुताबिक इंडोनेशिया जैसे दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम बहुल देश का रमजान के महीने में किसी विदेशी मेहमान का स्वागत भी अपने आप में अहम है. क्योंकि इस दौरान इस्लामिक मुल्कों में आमतौर पर मेहमाननवाजी के बड़े दौरों से परहेज किया जाता है.
इस यात्रा के दौरान इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोके विडोडो अपने खास मेहमान पीएम मोदी के सम्मान में 30 मई को औपचारिक वार्ता के बाद संध्या भोज देंगे. दरअसल, रमजान के कारण दोपहर भोज संभव नहीं था लिजाहा इंडोनेशियाई राष्ट्रपति अपना रोजा इफ्तार पीएम मोदी के साथ ही करेंगे. ऐसे में आम तौर पर देश में रोजा इफ्तार जैसे रस्मों से दूर रहने वाले पीएम मोदी, इंडोनेशिया में मेहमान के रोजा इफ्तार में शरीक होंगे.
साबांग बंदरगाह परियोजना में साझेदार बनेगा भारत
इंडोनेशिया के साथ सामरिक साझेदारी बढ़ाने की कड़ी में भारत की कोशिश साझा नौसैनिक अभ्यास के साथ ही साबां बंदरगाह परियोजना में हिस्सेदारी की भी है. बीते दिनों भारत आए इंडोनिशेया के समुद्री मामलों के मंत्री लोहुत पंजाईतान ने कहा था कि दोनों मुल्कों ने 2017 से साझा अभ्यास का सिलसिला शुरु किया. लेकिन तट रक्षा और समुद्री निगरानी में अब भी साथ मिलकर काफी कुछ किया जा सकता है. इसके अलावा पंजाईतान ने कहा कि जब भारत के सहयोग से साबांग बंदरगाह तैयार हो जाएगा तो यह साझेदारी और अधिक मजबूत होगी. उम्मीद की जा रही है कि इस परियोजना में भारत की साझेदारी की औपचारिक घोषणा पीएम मोदी की इंडोनेशिया योजना में हो सकती है.
प्रधानमंत्री मोदी, इंडोनेशिया के बाद 31 मई से 1 जून तक सिंगापुर भी जाएंगे. इस दौरान पीएम प्रतिष्ठित शांगरीला डायलॉग में बतौर मुख्य वक्ता शरीक होंगे. साथ ही पीएम सिंगापुर में उद्यमिता औऱ इनोवेशन संबंधी कार्यक्रमों में भी भाग लेंगे.