Chadar For Khwaja Moinuddin Chishti Dargah: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार (02 जनवरी, 2025) की शाम 6 बजे केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू और बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी को औपचारिक चादर सौंपेंगे. यह चादर ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स के मौके पर अजमेर शरीफ दरगाह पर चढ़ाई जाएगी. प्रधानमंत्री मोदी इस मौके पर हर साल दरगाह पर चादर भेजते हैं. 


इसको लेकर पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कुछ तस्वीरें भी शेयर कीं और कहा, "मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की. हमारी बातचीत के दौरान, मैंने पवित्र चादर पेश की, जिसे ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स के दौरान प्रतिष्ठित अजमेर शरीफ दरगाह पर रखा जाएगा." प्रधानमंत्री बनने के बाद से नरेंद्र मोदी ने अजमेर शरीफ दरगाह पर दस बार चादर चढ़ाई है. यह 11वीं बार होगा जब वो इस परंपरा को बरकरार रख रहे हैं. 


पिछली बार किसने चढ़ाई थी दरगाह पर चादर?


बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के मीडिया प्रभारी के मुताबिक, दरगाह पर चादर चढ़ाने से पहले किरण रिजिजू और जमाल सिद्दीकी चादर सौंपेंगे. इसके बाद कार्यक्रम और उससे जुड़ी तैयारियां आगे बढ़ेंगी. पिछले साल 812वें उर्स के दौरान प्रधानमंत्री की ओर से तत्कालीन केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और जमाल सिद्दीकी के साथ-साथ मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिनिधिमंडल ने दरगाह पर चादर चढ़ाई थी. 






भक्ति और सम्मान का प्रतीक है चादर


न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, ख्वाजा गरीब नवाज की मजार (मजार-ए-अखदास) पर चढ़ाई जाने वाली चादर भक्ति और सम्मान का प्रतीक है. उर्स के दौरान चादर चढ़ाना पुण्य का काम माना जाता है. इसे ख्वाजा का आशीर्वाद लेने और अपनी मन्नतें पूरी करने के रूप में देखा जाता है. अजमेर शरीफ दरगाह भारत में सबसे प्रतिष्ठित सूफी दरगाहों में से एक है. हर साल दुनिया भर से लाखों श्रद्धालु उर्स मनाने के लिए यहां इकट्ठा होते हैं. उर्स को ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का 813वां उर्स 28 दिसंबर, 2024 को शुरू हुआ था. 


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