पारसी नववर्ष पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी शुभकामनाएं, जानें इस दिन की खासियत
ये नववर्ष पारसी समुदाय में दुनिया के कई हिस्सों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. भारत के अलावा ईरान, पाकिस्तान, इराक, ताजिकिस्तान, लेबनान में भी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को पारसी नववर्ष की शुभकामनाएं दीं और देश में समुदाय के ‘उत्कृष्ट’ योगदान की सराहना की. मोदी ने ट्वीट में लिखा, "नवरोज मुबारक! पारसी नववर्ष की शुभकामनाएं. भारत पारसी समुदाय के उत्कृष्ट योगदान का सम्मान करता है जिसने कई क्षेत्रों में अपनी छाप छोड़ी. कामना करते हैं कि आने वाला साल हर किसी के जीवन में शांति और समृद्धि लेकर आए."
Navroz Mubarak!
Greetings on Parsi New Year. India cherishes the outstanding contribution of the Parsi community, which has made a mark in a wide range of fields. May the coming year bring peace and prosperity in everyone’s lives. — Narendra Modi (@narendramodi) August 16, 2020
भारत में पारसी एक छोटा अल्पसंख्यक समुदाय है लेकिन इस समुदाय से देश को विभिन्न क्षेत्रों में कई प्रख्यात शख्सियत मिली हैं. पारसी नववर्ष को नवरोज के नाम से भी जाना जाता है. पारसियों के लिए यह दिन सबसे बड़ा होता है. इस दिन को नए फारसी कैलेंडर की शुरुआत के लिए मनाया जाता है. फारसी भाषा में 'नव' का अर्थ है नया, और 'रोज' का अर्थ है नया दिन.
ये नववर्ष पारसी समुदाय में दुनिया के कई हिस्सों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. भारत के अलावा ईरान, पाकिस्तान, इराक, ताजिकिस्तान, लेबनान में भी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. पारसियों में 1 साल 360 दिन का माना जाता है और बाकी 5 दिन पूर्वजों को याद करने के दिन होते हैं. साल खत्म होने के ठीक 5 दिन पहले से इसे मनाया जाता है. पारसी समाज में अग्नि की भी खास पूजा की जाती है. देश के कई शहरों में आज भी सालों से अखंड ज्योत प्रज्वलित हो रही है.
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