PM Narendra Modi Blog on Mother Heeraben: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां अब इस दुनिया में नहीं हैं. शुक्रवार (30 दिसंबर) को उनके (Heeraben) पंच तत्व में विलीन होने के साथ ही बस यादें रह गई हैं. लगभग छह महीने पहले ही पीएम मोदी (Narendra Modi) ने अपनी मां के 100वें जन्मदिन पर एक भावुक ब्लॉग (PM Modi Blog) लिखा था. इसमें उन्होंने मां के साथ अपने अनुभवों को साझा किया था.
पीएम मोदी ने ब्लॉग के लिंक को ट्वीट करते हुए लिखा था, ''मां... यह केवल एक शब्द नहीं है, बल्कि इसमें भावनाओं की एक सीमा समाई हुई है. आज, 18 जून वह दिन है जब मेरी मां हीराबा 100वें वर्ष में प्रवेश कर रही हैं. इस विशेष दिन पर, खुशी और आभार व्यक्त करते हुए मैंने कुछ विचार लिखे हैं.''
'मां साधारण लेकिन असाधारण'
पीएम मोदी ने अपने ब्लॉग में मां हीराबेन को एक साधारण लेकिन असाधारण महिला बताया था. उन्होंने लिखा था कि जब वह (हीराबेन) बहुत छोटी थीं तब उन्होंने अपनी मां को खो दिया था और जीवन में बहुत कष्ट सहे थे लेकिन इसके चलते और ज्यादा लचीला बनकर उभरी हैं.
बचपन में मां के साथ बिताए हुए कुछ विषेश पल ब्लॉग के जरिये पीएम मोदी ने साझा किए थे. पीएम मोदी ने अपने बचपन से बड़े होने की यात्रा के दौरान अपनी मां के बलिदानों को याद करते हुए कई खूबियों का जिक्र किया था, जिन्होंने उनकी बुद्धि, शख्सियत और आत्मविश्वास को आकार दिया था.
'मां सहनशीलता की प्रतीक'
पीएम मोदी ने वडनगर के उस छोटे से घर को याद किया था जिसकी छत मिट्टी की दीवारों पर टिकी थी, जहां वह अपने माता-पिता और भाई-बहनों के साथ रहते थे. पीएम ने बताया था कि मां न केवल घर का सारा काम खुद करती थीं, बल्कि घर की मामूली आय को पूरा करने के लिए काम करती थीं.
पीएम मोदी ने बताया था कि घर खर्च के लिए मां समय निकालकर कुछ घरों में बर्तन धोती थीं और चरखा चलाती थीं. पीएम मोदी ने लिखा था, ''बारिश के दिनों में हमारी छत टपकती थी और घर में पानी भर जाता था. मां बारिश के पानी को इकट्ठा करने के लिए लीकेज के नीचे बाल्टियां और बर्तन रख देती थीं. इस विपरीत स्थिति में भी मां सहनशीलता की प्रतीक थीं.''
'मां की दूरदर्शी सोच ने अचरज में डाला'
पीएम ने लिखा था कि मां ने यह भी एहसास दिलाया कि औपचारिक तौर पर पढ़ाई किए बिना भी सीखा जा सकता है. पीएम लिखा था, ''उनकी (हीराबेन) विचार प्रक्रिया और दूरदर्शी सोच ने हमेशा मुझे अचरज में डाला है.''
मां की अत्यंत सरल जीवन शैली को दर्शाते हुए पीएम मोदी ने लिखा था कि आज भी उनके (हीराबेन) नाम कोई संपत्ति नहीं है. उन्होंने लिखा था, ''मैंने कभी उन्हें सोने के आभूषण पहने नहीं देखा है और उन्हें कोई रुचि भी नहीं है. पहले की तरह वह अपने छोटे कमरे में अत्यंत सरल जीवनशैली का पालन कर रही है.''
इन मौकों पर बेटे नरेंद्र के साथ सार्वजनिक जगहों पर दिखी थीं हीराबा
ब्लॉग पोस्ट में पीएम मोदी ने ऐसे दो मौकों का जिक्र किया था जब सार्वजनिक जगहों पर उनकी मां उनके साथ मौजूद थीं. पीएम मोदी ने एकता यात्रा पूरी करने के बाद श्रीनगर के लाल चौक पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया था. श्रीनगर से उनके वापस लौटने पर अहमदाबाद में एक सार्वजनिक समारोह आयोजित किया गया था. इस मौके पीएम मोदी को उनकी मां ने तिलक लगाया था.
सार्वजनिक तौर पर मां के साथ होने का दूसरा मौका तब था जब 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी ने शपथ ली थी.
इसी साल 18 जून को पीएम मोदी ने मां का 100वां जन्मदिन मनाया था और इस खास मौके पर उनका आशीर्वाद लिया था.
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