नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस समारोह में साफा बांधने की अपनी परंपरा को जारी रखते हुए आज लाल किले के प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए भगवा रंग का साफा पहना था, जिसकी किनारी लाल बंधेज की थी.
मोदी ने प्रधानमंत्री के तौर पर 2014 में अपने पहले संबोधन के दौरान नांरगी और हरे रंग का जोधपुरी साफा बांधा था. साल 2015 में भी वह लाल एवं हरे रंग की पट्टियों वाला साफा पहने नजर आए थे जबकि 2016 में उन्होंने लाल-गुलाबी-पीले रंग का राजस्थानी साफा पहना था.
पिछले साल प्रधानमंत्री ने क्रीम और पीले-लाल रंग का साफा पहना था. देश आज 72वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है और देशवासी देशभक्ति की भावना में रंगे हुए हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा, ''मेरे बारे में कहा जाता है कि मैं बेसब्र हूं. आज मैं स्वीकार करता हूं कि मैं बेसब्र हूं. मैं बेसब्र हूं, क्योंकि जो देश हमसे आगे निकल चुके हैं, हमें उनसे भी आगे जाना है मैं बेचैन हूं, हमारे बच्चों के विकास में बाधा बने कुपोषण से देश को मुक्त कराने के लिए मैं व्याकुल हूं, देश के हर गरीब तक समुचित हेल्थ कवर पहुंचाने के लिए, ताकि वो बीमारी से लड़ सके. मैं व्यग्र हूं, अपने नागरिकों की क्वालिटी ऑफ लाइफ को सुधारने के लिए मैं अधीर हूं, क्योंकि हमें ज्ञान-आधारित चौथी औद्योगिक क्रांति की अगुवाई करनी है मैं आतुर हूं, क्योंकि मैं चाहता हूं कि देश अपनी क्षमताओं और संसाधनों का पूरा लाभ उठाए.''
उन्होंने आगे कहा कि ''आज देश में पहली कैबिनेट है जिसमें सबसे ज्यादा महिला मंत्री हैं, सुप्रीम कोर्ट में आज तीन महिला जज हैं जो देश को न्याय देने का काम कर रही हैं. हमने सशस्त्र सेनाओं में महिलाओं को स्थाई सर्विस देने का फैसला किया.''