नई दिल्ली: देश में जानलेवा कोरोना वायरस के प्रकोप को खत्म करने के लिए 21 दिनों का लॉकडाउन जारी है. इस बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश से मन की बात की और लॉकडाउन के लिए माफी भी मांगी. पीएम मोदी ने कोरोना वायरस को परास्त करने में एक दूसरे से सोशल डिस्टेंसिंग को कारगर बताते हुये कहा कि ऐसे कुछ मामले संज्ञान में आये हैं जिनमें कुछ लोग संदिग्ध मरीजों के प्रति बुरा बर्ताव कर रहे हैं, यह दुखद है. उन्होंने अपील की कि सोशल डिस्टेंसिंग का मतलब भौतिक दूरी को बढ़ाना और भावनात्मक दूरी को घटाना है. पढ़ें मन की बात की बड़ी बातें.


संदिग्ध व्यक्ति को दुत्कारे नहीं- मोदी


आज मन की बात में मोदी ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग का अर्थ एक दूसरे से मन की दूरी बनाना नहीं बल्कि भौतिक दूरी को बरकरार रखते हुये संक्रमण को दूसरों में फैलने से रोकना और संक्रमण से खुद को बचाना भी है. उन्होंने कहा कि इसका अर्थ किसी संक्रमित व्यक्ति या संक्रमण के संदिग्ध व्यक्ति को दुत्कारना नहीं है.


पारिवारिक संबंधों को मजबूत बनाएं- मोदी


मोदी ने लॉकडाउन के दौरान समय का सदुपयोग करने वाले लोगों के अनुभवों को भी साझा किया. उन्होंने सोशल मीडिया पर देश के विभिन्न इलाकों के लोगों द्वारा बताये जा रहे उनके अनुभवों का जिक्र करते हुये कहा कि कोटा के यशवर्धन ने ‘नरेंद्र मोदी एप’ पर लिखा है कि वे लॉकडाउन में पारिवारिक संबंधों को मजबूत बना रहे हैं.


Mann Ki Baat: मोदी बोले- ‘कोरोना वायरस ने दुनिया को कैद किया, लॉकडाउन से खुद को-अपने परिवार को बचाएं’


लॉकडाउन में संगीत, बागवानी और अन्य शौक पूरे करें- मोदी


मोदी ने कहा कि एक तरफ लॉकडाउन में लोग अपने घरों तक सीमित हैं, वहीं लॉकडाउन ने ऐसे तमाम कामों को करने का अवसर भी दिया है जो कामकाज की व्यस्तताओं के कारण लोग नहीं कर पाते हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि इस अवधि में आप संगीत, बागवानी और अन्य शौक पूरे कर सकते हैं, साथ ही बचपन के मित्रों से भी बात कर इस समय का सदुपयोग कर सकते हैं.


मोदी ने बैंकिंग सेवाकर्मियों के सहयोग के लिये आभार प्रकट किया 


उन्होंने लॉकडाउन के दौरान रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में लगे दवा, दूध, सब्जी और किराना विक्रेताओं के सहयोग की भी सराहना करते हुये कहा कि ये लोग संकट के इस दौर में जोखिम लेकर भी सभी देशवासियों को जरूरत की वस्तुयें मुहैया करा रहे हैं. मोदी ने इस दौरान संचार एवं बैंकिंग सेवायें भी बहाल रखने के लिये संचार और बैंकिंग सेवाकर्मियों के सहयोग के लिये आभार प्रकट किया.


कोरोना संक्रमण की चपेट में आए पूरे परिवार से मोदी ने की बात


इससे पहले मोदी ने आगरा के 73 साल के अशोक कपूर से भी फोन पर बात की जिनका पूरा परिवार कोरोना के संक्रमण की चपेट में आ गया था. अशोक ने प्रधानमंत्री को बताया कि कारोबार के सिलसिले में उनके दो बेटे और दिल्ली निवासी दामाद इटली गये थे. उन्होंने बताया कि वापस लौटने पर दामाद को दिल्ली में बुखार की शिकायत होने पर कोरोना का परीक्षण कराने पर संक्रमण की पुष्टि हुयी. इसके बाद आगरा में उनके दोनों बेटे, पोते, बहू सहित सभी छह परिजनों का भी टेस्ट कराने पर संक्रमण की पुष्टि होने के बाद इलाज के लिये दिल्ली लाया गया जहां उनके पूरे परिवार का सफल इलाज हुआ.


कोरोना की चपेट में आने वाला यह पहला परिवार 


उल्लेखनीय है कि फरवरी में कोरोना की चपेट में आने वाला यह पहला परिवार था, जिसके सभी सदस्य संक्रमित पाये गये थे. मोदी ने इस बीमारी के संक्रमण को परास्त करने में अशोक सहित समूचे परिवार की सराहना करते हुये देशवासियों से कोरोना वायरस के प्रति भयभीत होने के बजाय चिकित्सा निर्देशों का पालन करने की अपील की.


 सैनिकों की तर्ज पर पूरी तरह से मुस्तैद हैं हम- मोदी से एक डॉक्टर


मोदी ने कहा, ‘‘समय पर डाक्टरों से संपर्क कर और उनके निर्देशों का पालन करके हम इस बीमारी को परास्त कर सकते हैं.’’ इस दौरान उन्होंने कोरोना के संक्रमण के खिलाफ जारी जंग में सक्रिय सहयोग कर रहे दिल्ली के डॉ. नीतीश गुप्ता से भी फोन पर बात की. डॉ. गुप्ता ने प्रधानमंत्री से कहा कि हम सैनिकों की तर्ज पर पूरी तरह से मुस्तैद हैं. हमारा एक ही ध्येय है कि प्रत्येक मरीज ठीक होकर घर जाये.’’


डॉक्टरों के प्रयासों से भारत इस लड़ाई में अवश्य जीतेगा- मोदी


डॉ. गुप्ता ने इस काम में पेश आ रही चुनौतियों के बारे में मोदी को बताया कि घबराये हुये मरीजों को शुरु में बहुत समझाना होता है कि वे ठीक हो जायेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘हम मरीजों की कांउसलिंग करके समझाते हैं कि वे कैसे जल्द ठीक होंगे. मरीजों से हम बार बार बात करते हैं और जब मरीज ठीक होने लगते तो फिर उनमें आत्मविश्वास आता है.’’ डा. गुप्ता ने बताया कि वह अब तक 16 मरीजों को ठीक करके अस्पताल से घर भेज चुके हैं. मोदी ने कहा कि नीतीश जी जैसों के प्रयासों से भारत इस लड़ाई में अवश्य जीतेगा.


प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया का अनुभव बताता है कि इस बीमारी से बीमार होने वालों की संख्या अचानक बढ़ती है. भारत में यह स्थिति न आये इसके लिये सरकार पूरा प्रयास कर रही है. गौरतलब है कि भारत में रविवार को कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 979 तक पहुंच चुकी है जबकि 25 लोगों की इसके चलते जान जा चुकी है.