नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यूपी के उन स्ट्रीट वेंडर्स से डिजिटल संवाद किया जिन्हें ‘प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना’ के तहत लोन दिए गए हैं. अपने इस संवाद में प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस की पिछली सरकारों की भी जम कर ख़बर ली.
क्या है पीएम स्वनिधि योजना
इस योजना के तहत गरीब आदमी, रेहड़ी ठेले वालों को अधिकतम 10 हज़ार तक का लोन दिया जाता है. इस लोन के लिए किसी गारंटी की ज़रूरत नहीं होती. इस पर बहुत कम ब्याज लिया जाता है. समय पर लोन का पैसा लौटाने पर मिलने वाली छूट के बाद लोन लगभग ब्याज मुक्त हो जाता है. इस स्कीम के लिए 5 हज़ार करोड़ की राशि रखी गई है. 1 जून को पीएम स्वनिधि योजना को लॉन्च किया गया था. 2 जुलाई को, यानी एक महीने में ही ऑनलाइन पोर्टल पर इसके लिए आवेदन भी मिलने शुरू हो गए थे. पीएम मोदी के अनुसार, “इस योजना में ऋण आसानी से भी उपलब्ध है, और समय से अदायगी करने पर ब्याज में 7 प्रतिशत की छूट भी मिलेगी. और अगर आप डिजिटल लेन देन करेंगे तो एक महीने में 100 रुपए तक कैशबैक के तौर पर वापस भी आपके खाते में जमा होगा, मिलना शुरू हो जाएगा. यानी, ये दोनों चीजें करने पर एक प्रकार से आपका जो लोन है ये पूरी तरह ब्याज मुक्त हो जाएगा, ब्याज फ्री हो जाएगा और दूसरी बार इससे भी ज्यादा का ऋण आपको मिल सकता है.”
प्रधानमंत्री मोदी का दावा
प्रधानमंत्री ने स्ट्रीट वेंडर्स से सम्बोधन के दौरान दावा किया कि, “गरीबों के लिए घोषणाएं इतनी जल्दी प्रभावी तरीके से जमीन पर उतरेंगी, ये भूतकाल को देखते हुए कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था. स्ट्रीट वेंडर्स के लिए बिना गारंटी के किफ़ायती ऋण के लिए इस तरह की योजना तो आज़ादी के बाद पहली बार बनी है."
प्रधानमंत्री ने यूपी के तीन स्ट्रीट वेंडर्स की तारीफ़ की
प्रधानमंत्री ने यूपी के तीन गरीब परिवारों से बात की जिन्हें पीएम स्वनिधि योजना से लाभ मिला है. प्रधानमंत्री मोदी ने उनके बारे कहा -
1. मैंने देखा कि बहुत कम पढ़ी-लिखी और सामान्य गरीबी में जीने वाली हमारी बहन प्रीति इतने आत्मविश्वास के साथ आधुनिक टेक्नोलॉजी को भी सीख रही हैं. अपने व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रही हैं और पूरे परिवार को भी साथ लेकर उनकी चिन्ता कर रही हैं.
2. बनारस के बंधु अरविंद जी ने जो एक बात बताई वह सीखने जैसी है और मैं मानता हूं कि देश के पढ़े-लिखे लोग सीखेंगे. वो सोशल डिस्टेंसिंग के लिए जो खुद चीजें बनाते हैं, उसमें से एक चीज भेंट देते हैं, मुफ्त में देते हैं. अगर आपने नियमों का पालन किया है. इससे बड़ी क्या प्रेरणा हो सकती है.
3. लखनऊ के विजय बहादुर जी तो ठेला चलाते हैं. लेकिन बिजनेस का मैनेजमेंट मॉडल, कैसे समय को बचाते हुए काम को बढ़ाना है, ये बहुत बारीकी से उन्होंने पकड़ा हुआ है. देखिए यही हमारी देश की ताकत है. इन्हीं लोगों से देश आगे बढ़ता है, इन्हीं के प्रयासों से देश आगे बढ़ता है.
योजना के पीछे सरकार की सोच
प्रधानमंत्री मोदी ने पीएम स्वनिधि योजना के पीछे की सोच बताते हुए कहा कि, इस योजना में शुरुआत से ही इस बात का ध्यान रखा गया है कि हमारे रेहड़ी-पटरी लगाने वाले भाई-बहनों को किसी तरह की दिक्कत न हो. शुरू में कई लोग इसलिए परेशान थे कि उन्हें लोन लेने के लिए कौन कौन से कागज लगाने पड़ेंगे, क्या गारंटी देनी होगी. इसलिए ये सुनिश्चित किया गया कि गरीबों के लिए बनी अन्य योजनाओं की तरह ही इस योजना में भी टेक्नोलॉजी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया जाएगा. कोई कागज नहीं, कोई गारंटर नहीं. कोई दलाल भी नहीं, और किसी सरकारी दफ्तर के बार-बार चक्कर लगाने की भी जरूरत नहीं. एप्लिकेशन आप खुद भी ऑनलाइन अपलोड कर सकते हैं, और किसी कॉमन सर्विस सेन्टर, नगर पालिका कार्यालय या बैंक ब्रान्च में जाकर भी आवेदन अपलोड करा सकते हैं. इसका परिणाम आज ये है कि किसी भी रेहड़ी पटरी वाले को, स्ट्रीट वेंडर को अपना काम फिर से शुरू करने के लिए किसी दूसरे के पास जाने की मजबूरी नहीं है. बैंक खुद आकर पैसा दे रहे हैं.
इस योजना में यूपी है नम्बर वन
पीएम स्वनिधि योजना का लाभ पहुंचाने में यूपी पूरे देश में नंबर वन है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि शहरी स्ट्रीट वेंडर्स के सबसे ज्यादा आवेदन यूपी से ही आए हैं. इससे ज़ाहिर है कि यूपी से जो पलायन होता था, उसे कम करने में भी रेहड़ी पटरी के व्यवसाय की बहुत बड़ी भूमिका है. देश में अब तक करीब 25 लाख स्वनिधि ऋण के आवेदन मिल चुके हैं और 12 लाख से ज्यादा आवेदनों को स्वीकृति भी दी जा चुकी है. इनमें से साढ़े 6 लाख से ज्यादा आवेदन तो अकेले यूपी से ही मिले हैं, जिसमें से करीब पौने चार लाख आवेदनों को मंजूरी भी दे दी गई है. अब यूपी में स्वनिधि योजना के लोन एग्रीमेंट को स्टैंप ड्यूटी से भी मुक्त कर दिया गया है.
कोरोना काल में उठाए गए ये महत्वपूर्ण कदम
प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन के दौरान ग़रीबों को हुई दिक्कतों का ज़िक्र करते हुए कहा कि, “कोरोना ने जब दुनिया पर हमला किया था, तब भारत के गरीब को लेकर तमाम आशंकाएं व्यक्त की जा रही थीं. मेरे गरीब भाई बहनों को कैसे कम से कम तकलीफ उठानी पड़े, कैसे गरीब इस मुसीबत से उबरें, सरकार के सभी प्रयासों के केंद्र में यही चिंता थी. इसी सोच के साथ, देश ने 1 लाख 70 हजार करोड़ रुपयों की गरीब कल्याण योजना शुरू की, कोई गरीब भूखा न सोये इसकी चिंता की. 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा की गई तो उसमें गरीब के हित को, उसकी रोजी रोटी को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई. पीएम स्वनिधि योजना ने गरीब के श्रम को बहुत सहयोग दिया है. और आज, हमारे रेहड़ी पटरी ठेले वाले साथी फिर से अपना काम शुरू कर पा रहे हैं, फिर से आत्मनिर्भर होकर आगे बढ़ रहे हैं.योजनाओं में ये गति देश पहली बार देख रहा है.”
कांग्रेस सरकारों पर पीएम मोदी का प्रहार
प्रधानमंत्री मोदी ने योजना का ज़िक्र करते हुए केंद्र की पिछली सरकारों को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि, “गरीब के नाम पर राजनीति करने वालों ने देश में ऐसा माहौल बना दिया था कि गरीब को लोन दे दिया तो वो पैसा लौटाएगा ही नहीं. खुद घपले घोटाले और कमीशनखोरी करने वालों ने हमेशा बेईमानी का सारा ठीकरा गरीबों के ही सर फोड़ने की कोशिश की है. लेकिन मैंने पहले भी कहा है, और आज फिर दोहराता हूँ कि, हमारे देश का गरीब ईमानदारी और आत्मसम्मान से कभी भी समझौता नहीं करता है. पीएम स्वनिधि योजना के जरिए गरीब ने फिर एक बार इस सच्चाई को साबित किया है, देश के सामने अपनी ईमानदारी का उदाहरण पेश किया है. आज देश में स्ट्रीट वेंडर्स को जो स्वनिधि योजना का लोन दिया गया है उसे अधिकतर अपना लोन समय से चुका भी रहे हैं.”
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