पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्यों से तेल की कीमतों में कटौती करने का अनुरोध किया है. कोरोना पर मुख्यमंत्रियों से बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने 'कॉपरेटिव फेडरलिज्म' की भावना के तहत के तहत राज्यों से वैल्यू ऐडड टैक्स (वैट) घटाने की अपील की है. देश में लगातार बढ़ती पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर पीएम मोदी ने ऐसे राज्यों का भी हवाला दिया, जिन्होंने तेल की कीमतों पर वैट घटाया है.पेट्रोल-डीजल में बढ़ोतरी के दौरान वैट कम नहीं करने वाले राज्यों को लेकर पीएम मोदी ने कहा, 'मैं किसी की आलोचना नहीं कर रहा हूं, सिर्फ चर्चा कर रहा हूं.'
पीएम मोदी ने कहा, कुछ राज्यों ने नहीं सुनी (ईंधन पर वैट कम करने को लेकर). महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, बंगाल, तमिलनाडु, झारखंड, केरल ने कुछ कारणों की वजह से इसे अनसुना कर दिया. प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र की ओर से एक्साइज ड्यूटी में कटौती के बाद कुछ राज्यों ने पेट्रोल, डीज़ल पर टैक्स में कटौती नहीं की, यह लोगों के साथ अन्याय है.
पीएम मोदी ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों की वजह यूक्रेन-रूस युद्ध को बताया है. पीएम मोदी ने यह टिप्पणी ऐसे समय पर की है, जब आम लोग सीएनजी, पीएनजी, पेट्रोल-डीजल की हर रोज बढ़ती कीमतों से जूझ रही है. विपक्ष भी इसे लेकर सरकार पर हमलावर है.
कॉपरेटिव फेडलिज्म की बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, देश ने इसी भावना के साथ कोरोना से एक लंबी जंग लड़ी है और आर्थिक मुद्दों को लेकर भी यही रवैया अपनाना चाहिए. दुनिया में युद्ध जैसी स्थिति चल रही है.
पीएम मोदी ने कहा, मैं किसी की आलोचना नहीं कर रहा हूं, सिर्फ चर्चा कर रहा हूं. कुछ कारणों से महाराष्ट्र, बंगाल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल और झारखंड ने तेल पर वैट नहीं घटाया है. इस वजह से उसका बोझ नागरिकों पर ही पड़ रहा है.
आगे पीएम ने कहा, क्या कर्नाटक ने टैक्स नहीं घटाया. उसने पिछले छह महीनों के दौरान राजस्व में 5,000 करोड़ से अधिक का अतिरिक्त संग्रह किया होगा. गुजरात ने भी 3,500-4,000 करोड़ से ज्यादा एकत्र किए होंगे." उन्होंने कहा कि जिन राज्यों ने वैट को कम नहीं किया, उन्होंने हजारों करोड़ में अतिरिक्त राजस्व कमाया.