Centre Scheme PMAY: बिहार सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने दावा किया है कि केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवासीय योजना- ग्रामणी के नए टारगेट के तहत पिछले तीन सालों से 13 लाख लोगों को वंचित रखा है. उन्होंने ये भी कहा कि इसको लेकर केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह को कई चिट्ठियां भेजी गईं लेकिन राज्य को 2018-19, 2022-23 और 2023-24 के लिए लक्ष्य नहीं मिला.


समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, उन्होंने कहा कि गिरिराज सिंह को चिट्ठियां लिखकर बिहार के लिए नए लक्ष्य आवंटित करने का आग्रह किया लेकिन कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया. राज्य में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बिहार सरकार पर इस मुद्दे पर राजनीति करने के आरोप लगाया और कहा कि प्रशासन समय पर काम पूरा होने की रिपोर्ट या उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करने के लिए तैयार नहीं है.


‘केंद्र हमारे अनुरोध को नजरंदाज कर रही’


श्रवण कुमार ने कहा, “राज्य सरकार हर दिन करीब 500 घरों का निर्माण पूरा कर रही है. इस तरह के काम के बाद भी बड़ी संख्या में घरों का इंतजार कर रहे परिवारों का एक समूह अभी भी वंचित है. बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पीएमएवाई-जी पर हमारे अनुरोध को नजरंदाज कर रही है.” दरअसल पीएमएवाई-जी योजना के तहत ग्रामीण इलकों में पक्के घर बनाने के लिए पात्रा लाभार्थियों को केंद्र और राज्य सरकारों से आर्थिक सहायता मिलती है.


मंत्री ने कहा, ‘‘वार्षिक लक्ष्यों के आवंटन के बाद, लाभार्थियों के बीच धन का वितरण पात्र लाभार्थियों की संख्या के आधार पर राज्यों की ओर से किया जाता है.’’ इस योजना के तहत लाभार्थियों की पहचान 2011 की सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना (एसईसीसी) में उल्लेखित विशिष्ट आवास अभाव मापदंडों के आधार पर की जाती है.


अधिकारियों ने कहा कि बिहार में पीएमएवाई-जी योजना के तहत निर्माण के लिए 2016 से 2021 तक लगभग 26.96 लाख घरों की स्वीकृति दी गई थी और लगभग 24.54 लाख इकाइयां (लक्ष्य का 90 प्रतिशत) पहले ही पूरा हो चुका है या लाभार्थियों को वितरित किया जा चुका है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता निखिल आनंद ने आरोप लगाया कि कम और मध्यम आय वाले समूहों के लिए महत्वाकांक्षी आवास योजना जब दूसरे राज्यों में सफल है, बिहार में इसका रिकॉर्ड बेहद खराब है.


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