नई दिल्ली: पंजाब एवं महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (पीएमसी) के ग्राहकों को आज सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली. सुप्रीम कोर्ट ने पीएमसी बैंक से नगदी निकालने पर आरबीआई की ओर से लगाई गई रोक हटाने की मांग कर रहे पीएमसी खाताधारकों की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पीठ ने कहा, ‘‘हम अनुच्छेद 32 (रिट अधिकार क्षेत्र) के तहत इस याचिका की सुनवाई नहीं करना चाहते. याचिकाकर्ता उचित राहत के लिए संबंधित हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं.’’ सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार इस स्थिति की गंभीरता से परिचित है और प्रवर्तन निदेशालय दोषी के खिलाफ उचित कार्रवाई कर रहा है.
याचिकाकर्ता बेजोन कुमार मिश्रा की ओर से पेश हुए वकील शशांक सुधी ने कहा कि उन्होंने पंजाब एवं महाराष्ट्र सहकारी बैंक के 500 खाताधारकों की ओर से याचिका दायर की है जिसमें नकदी निकालने पर आरबीआई की ओर से लगाई रोक को हटाने का अनुरोध किया गया है.
बता दें कि पीएमसी खाता धारक आरबीआई की तरफ से पैसे निकालने की सीमा तय किए जाने के बाद से लगाता प्रदर्शन कर रहे हैं. पैसे बैंक में फंसे होने की वजह से कथित तौर पर तीन लोगों की मौत हो चुकी है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि इस मसले पर समाधान के लिए चुनाव के बाद प्रधानमंत्री मोदी से मिलेंगे.
रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पीएमसी बैंक के ग्राहकों के लिये निकासी सीमा 25,000 रुपये से बढ़ाकर 40,000 रुपये प्रति खाताधारक कर दी है. पीएमसी बैंक के कुछ अधिकारियों पर फर्जी तरीके से लोन देने के लिए निजी कंपनी एचडीआईएल के साथ साठगांठ करने का आरोप है जिससे बैंक को 4,355 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ और हजारों निवेशक पैसे निकाल पाने में असमर्थ हो गये और उनकी बचत खतरे में आ गयी.
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