नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को जारी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समनों पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने पीडीपी नेता मुफ्ती को राहत देने से इनकार कर दिया. अदालत ने ईडी को 16 अप्रैल से पहले उनके द्वारा दिए गए निर्णयों के संकलन के साथ एक संक्षिप्त नोट दाखिल करने को कहा.


ईडी की ओर से पेश सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मुफ्ती को अधिकारियों के समक्ष पेश होना ही चाहिए. ईडी ने इससे पहले मुफ्ती को 15 मार्च को पेश होने के लिए समन जारी किया था. अब उन्हें 22 मार्च को पेश होने के लिए कहा गया है.


मुफ्ती की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता नित्या रामाकृष्णन ने अदालत से ईडी को यह निर्देश देने का आग्रह किया कि वह पहले की तरह महबूबा पर व्यक्तिगत रूप से पेश होने का जोर न डाले. इस पर अदालत ने कहा, 'हम समन पर रोक नहीं लगा रहे. कोई राहत नहीं दी जा रही है.'


क्या है मामला
महबूबा मुफ्ती के समन से पहले ईडी ने पिछले साल दिसंबर में उनकी करीबी अंजुम फजिली के परिसरों पर छापेमारी की थी. यह छापेमारी जम्मू-कश्मीर बैंक में फर्जीवाड़े से संबंधित थी. केंद्रीय एजेंसी ने इस दौरान फाजिली के परिसरों से 28 लाख रुपये जब्त किए थे. पूर्व पीडीपी के विधायक के श्रीनगर और दिल्ली स्थित आवास पर छापेमारी की गई थी.


ईडी ने कथित मनी लॉन्ड्रिंग केस में जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारुक अब्दुल्ला से भी पूछताछ की थी और करीब 12 करोड़ की संपत्तियों को जब्त किया था. इसके बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस चीफ ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में जब्त हुई संपत्तियों को लेकर जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट का रुख किया था.


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