नई दिल्ली: सर्वदलीय बैठक में चीन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बयान की चौतरफा आलोचना हो रही थी कि भारत की ज़मीन के किसी भी हिस्से पर न तो कब्ज़ा किया गया और न ही भारत का कोई पोस्ट चीन के कब्ज़े में है. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने आज इस पर विस्तृत सफाई दी.


प्रधानमंत्री कार्यालय ने अपने बयान में कहा कि कुछ लोग जानबूझकर सर्वदलीय बैठक में दिए प्रधानमंत्री के बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश करने की कोशिश कर रहे हैं. बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कहा था कि भारत एलएसी पर किसी भी तरह के उल्लंघन का पुरज़ोर जवाब देगा. यहां तक कि प्रधानमंत्री ने ये तक कहा था कि पहले से अलग अब भारतीय सेना ऐसा करने का प्रयास करने वालों को रोकता भी है और ठोकता भी है.


इस सफाई में प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा है कि सर्वदलीय बैठक में ये बात भी स्पष्ट बताई गई थी कि इस बार चीनी सैनिक बहुत बड़ी संख्या में आए थे और 15 जून को एलएसी के पार कुछ निर्माण करने की कोशिश की थी. लेकिन भारतीय फौजियों का जवाब बराबर का था.


प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री के ब्यान का मुख्य केंद्र 15 जून को हुई घटना था जिसकी वजह से भारत के 20 वीर सैनिक शहीद हो गए. पीएम मोदी ने इन वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की.


पीएमओ ने इस बयान में सबसे महत्वपूर्ण सफाई ये दी की ये कहना कि भारत के ज़मीन पर कोई अधिग्रहण नहीं हुआ है, का मतलब साफ था कि ऐसा भारतीय सैनिकों की जवाबी कार्रवाई से ही संभव हो सका. यानी 16 बिहार रेजिमेंट के सैनिकों की वीरता और उनकी शहादत की वजह से ही ये मुमकिन हुआ कि न तो चीन एलएसी के पार भारतीय सीमा में जम पाया और न ही वहां कोई निर्माण कर पाया.


बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री का ये कहना अपने आप में स्पष्ट था कि जिन लोगों ने भारत की ज़मीन पर नज़र डालने की कोशिश की उन्हें हमारे सैनिकों ने सबक सिखा दिया. प्रधानमंत्री ने इससे आगे ये भी कहा था कि भारत की सीमाओं की रक्षा करने में भारतीय सेना कोई कसर नहीं छोड़ेगी.


पीएमओ ने कहा कि भारतीय सीमा की परिधि कहां तक है ये भारत के नक़्शे में स्पष्ट है और भारत उसके प्रति पूरी तरह कटिबद्ध है. जहां तक कुछ भूमि पर अवैध कब्ज़े की बात है तो सर्वदलीय बैठक में विस्तार से बताया गया था कि पिछले 60 सालों में भारत के करीब 43000 sq km पर कब्ज़ा जमाया जा चुका है और इनके कारणों का पता सबको है. बैठक में ये आश्वासन भी दिया गया था कि मौजूदा सरकार एलएसी में कोई भी एकतरफा बदलाव नहीं होने देगी.


बयान में ये भी कहा गया है कि ये अफसोसजनक है कि ऐसे वक्त पर जब हमारे सैनिक सरहद की रक्षा में लगे हैं, जानबूझकर कर गैर-जरूरी विवाद खड़ा कर फौज का मनोबल गिराने की कोशिश हो रही है. हालांकि इसके बावजूद सर्वदलीय बैठक में मुख्यतः सभी ने सरकार और सेना का पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया था और इस बात का पूरा भरोसा है कि कुछ लोगों के प्रेरित अभियान से देश की एकता कमज़ोर नहीं पड़ेगी.


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