नई दिल्ली: हर साल यूपीएससी के जरिए चुने जा रहे IAS, IPS, IFS और दूसरी सेवाओं के हजारों कैंडिडेट्स के लिए एक बड़ा बदलाव दस्तक देने वाला है. पीएमओ ने सुझाव दिया है कि सिर्फ यूपीएससी एग्जाम की रैंकिग पर ही नहीं, बल्कि तीन महीने के फाउंडेशन कोर्स के बाद ही कैंडिडेट्स के कैडर और सर्विस क्षेत्र तय किए जाएं. इसका सीधा मतलब ये है कि यूपीएससी के टॉपर के लिए ये जरूरी नहीं है उसे उसका मनपसंद सर्विस यानी IAS, IPS या IFS मिल जाए.


कार्मिक मंत्रालय ने एक पत्र लिख कर सभी कैडर-नियंत्रण प्राधिकरण और मंत्रालयों से इस पर सुझाव मांगा है.


आपको बता दें कि यूपीएससी एग्जाम में चुने जाने के बाद सभी कैंडिडेट्स को तीन महीने का फाउंडेशन कोर्स कराया जाता है. अभी तक फाउंडेशन कोर्स शुरू होने से पहले ही कैडर और सेवा क्षेत्र तय कर दिए जाते हैं.


क्या है पीएमओ का सुझाव


पीएमओ का कहना है कि इससे कैंडिडेट का बेहतर मूल्यांकन हो सकेगा और उनके मुताबिक कैडर और सेवा दी जा सकेगी. फिलहाल सिविल सर्विस एग्जाम पास करने वाले अभ्यार्थियों के लिए आईएएस, आईपीएस, आईएफएस, आईआरएस सहित कुछ 24 सेवा क्षेत्र निर्धारित किए गए हैं. यूपीएससी एग्जाम में रैंक के आधार पर ये तय किया जाता है कि किसे कौन सी सेवा दी जाएगी.


कैडर निर्धारित होने के बाद आईएसएस और आईएफएस अभ्यार्थियों को मसूरी के लाल बहादुर शास्त्री नेशनल आकादमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन में फाउंडेशन कोर्स कराया जाता है. वहीं अन्य लोगों को मसूरी, हैदराबाद और भोपाल भेजा जाता है. कार्मिक मंत्रालय की ओर से प्राधिकरण और मंत्रालयों को भेजे गए पत्र में कहा गया, "पीएमओ ने सेवा क्षेत्र और कैडर को फाउंडेशन कोर्स के बाद तय करने पर विचार करने को कहा है."


क्या पड़ेगा असर?


सरकार के इस सुझाव पर एक्सपर्ट की राय बंटी हुई है. कुछ का कहना है कि ये कोई बुरा आइडिया नहीं है, जबकि कुछ का कहना है कि इससे सर्विसेस बांटने में मारा मारी हो जाएगी और चमाचागिरी का बोल बाला बढ़ जाएगा. इसके साथ ही ये भी आशंका जताई जा रही है कि ऐसा करके सरकार मनपसंद कैंडिडेट्स को अपनी मनपसंद जगह तैनात करने की कोशिश करेगी.