नई दिल्ली: मोदी सराकर ने वीआईपी कल्चर खत्म करने के लिए बड़ा फैसला किया है. एक मई से देश की सभी गाड़ियां एक समान दिखेंगी, क्योंकि 'वीआईपी' अपनी गाड़ी पर लाल बत्ती नहीं लगा पाएंगे.


पीएम मोदी के आदेश के बाद 'वीआईपी' हस्तियों ने अपनी गाड़ियों से लाल बत्ती हटाने का काम शुरू कर दिया है. बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र सरकार के मंत्री लाल बत्ती हटाने की पहल में सबसे आगे दिखाई दे रहे हैं.


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पीएम के फैसले के बाद गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने अपनी गाड़ी से खुद ही लाल बत्ती हटा ली है.


यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा ने पीएम के आदेश का पालन करते हुए अपनी गाड़ी से लाल बत्ती हटवा ली है.


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केंद्र सरकार के फैसले के बाद उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद रावत की गाड़ी पर भी लाल बत्ती नज़र नहीं आई.


केंद्र सरकार के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह ने बताया कि वो 2009 से ही लाल बत्ती की गाड़ी का इस्तेमाल नहीं करते हैं.



यहां जानें- कौन-कौन लोग हैं जो करते हैं 'लाल बत्ती' का इस्तेमाल


बिहार दौरे पर गए मोदी सरकार के दो मंत्रियों राधा मोहन सिंह औऱ गिरिराज सिंह ने अपनी सरकारी गाड़ियों से लाल बत्ती हटवा दी थी.



लाल बत्ती हटाने के आदेश के साथ ही 28 साल पुरानी परंपरा खत्म हो गई है. एक मई के बाद कोई भी कार पर लाल बत्ती नहीं लगा पाएगा. सरकार ने लाल बत्ती हटाने के लिए मोटर व्हीकल एक्ट से वो नियम ही हटा दिया है जिसके तहत केंद्र और राज्य सरकारें वीआईपी लोगों को लाल बत्ती लगाने की इजाजत देती है.