नई दिल्ली/मुंबई: देश के दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक की मुंबई ब्रांच में 11 हजार पांच सौ करोड़ का घोटाला सामने आया है. इसका खुलासा खुद बैंक ने किया है. इस मामले में सीबीआई ने पंजाब नेशनल बैंक की शिकायत पर उद्योगपति नीरव मोदी और उनके सहयोगियों समेत कुल छह लोगों के खिलाफ धोखाधडी, आपराधिक षडयंत्र और सरकारी पद के दुरूपयोग का मुकदमा दर्ज किया है.

नीरव मोदी और उनके सहयोगियो ने कैसे किया घोटाला?

आरोप है कि पंजाब नेशनल बैकं के दो अधिकारियों की मिलीभगत से नीरव मोदी और उनके सहयोगियो ने साल 2017 में  विदेश से सामान मंगाने के नाम पर बैंकिंग सिस्टम में जानकारी डाले बिना ही आठ एलओयू जारी करवा दिए, जिससे बैंक को 280 करोड रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ. हालांकि ये पूरा घोटाला 11 हजार 500 करोड़ का है.

जांच के दायरे में आ गई हैं कई बड़ी आभूषण कंपनियां

इस घोटाले में कई बड़ी आभूषण कंपनियां मसलन गीतांजलि, गिन्नी और नक्षत्र भी विभिन्न जांच एजेंसियों की जांच के दायरे में आ गई हैं. ईडी ने सीबीआई की एफआईआर के आधार पर मामले में मनी लॉंडरिंग का केस दर्ज किया है. वहीं सेबी 11 हजार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के इस मामले मामले में कई आभूषण कंपनियों समेत बैंकों द्वारा खुलासा करने में हुई खामियों की जांच कर सकती है.

मामला नियंत्रण के बाहरनहीं- वित्त मंत्रालय

सेबी और शेयर बाजार इन कंपनियों और उनके शीर्ष अधिकारियों के कारोबारी आंकड़े का विश्लेषण करेंगे. वित्त मंत्रालय ने घोटाले को लेकर जताई जा रही आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा कि यह मामला ‘नियंत्रण के बाहर’ नहीं है और इस बारे में उचित कार्रवाई की जा रही है.

नीरव मोदी और उसके साथियों ने कैसे बुना जाल?

दरअसल नीरव मोदी और उसके साथियों ने अपनी तीन कंपनियों डायमंड आर यूएस, सोलर एक्सपोर्ट और स्टैलर डायमंड के जरिए जाल बुना. इन तीनों कंपनियों के नाम पर इन्होंने पीएनबी से कहा कि उन्हें हांगकांग से सामान मंगाना है. सामान मंगाने के लिए उन्होंने पीएनबी से एलओयू जारी करने की मांग की.

हांगकांग से इंपोर्ट किया गया 280 करोड़ रूपए का सामान

उन्होंने एलओयू हांगकांग में मौजूद इलाहाबाद बैंक और एक्सिस बैंक के नाम पर जारी करने की गुजारिश की. एलओयू का मतलब होता है कि जो सामान खरीदा जा रहा है उसके पैसे देने की गारंटी बैंक देता है. पीएनबी ने हांगकांग में मौजूद इलाहाबाद बैंक को 5 और एक्सिस बैंक को 3 लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जारी किए. हांगकांग से करीब 280 करोड़ रूपए का सामान इंपोर्ट किया गया.

पीएनबी के रिकॉर्ड में जारी किए गए आठ एलओयू का जिक्र नहीं

18 जनवरी को इन तीनों कंपनियों के लोग इम्पोर्ट दस्तावेजों के साथ पीएनबी की मुंबई ब्रांच में पहुंचे और पैसों का भुगतान करने को कहा. बैंक अधिकारी ने कहा कि जितना भी पैसा विदेश में भेजना है उतना नकद जमा करना पड़ेगा. कंपनियों के अधिकारियों ने फिर एलओयू दिखाया और उसके आधार पर पेमेंट करने को कहा. बैंक ने जब जांच शुरू की तो पता चला कि पीएनबी के रिकॉर्ड में कहीं भी जारी किए गए आठ एलओयू का जिक्र नहीं था, मतलब बैंक में बिना पैसा गिरवी रखे लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जारी करवाए.

फर्जी तरीके से जारी किए गए थे सभी 8 एलओयू

बैंक की तरफ से केस दर्ज किया गया, मामला सीबीआई में पहुंचा, जांच हुई तो पता चला कि सभी 8 एलओयू फर्जी तरीके से जारी किए गए. पीएनबी के डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी ने एक दूसरे कर्मचारी के साथ मिलकर लेटर जारी किए और इन्हें सिस्टम में कहीं नहीं दिखाया. हांगकांग में जिससे सामान इंपोर्ट किए गए हैं उनकी बैंक गारंटी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग के आधार पर हांगकांग में मौजूद इलाहाबाद बैंक और एक्सिस बैंक ने ली थी. यानी अब इन 280 करोड़ रूपयों की देनदारी पीएनबी की हो गयी है.