14 हजार करोड़ रुपए का घोटाला: भारत में दोष साबित हुआ तो नीरव मोदी को मिलेगी कितनी सजा?
नीरव मोदी 2018 से ही फरार चल रहे हैं. भारत आने के बाद जांच एजेंसी पहले पूछताछ करेगी और फिर कोर्ट में पेश करेगी. पंजाब नेशनल बैंक फ्रॉड की जांच का जिम्मा सीबीआई और ईडी के पास है.
PNB फ्रॉड केस के आरोपी नीरव मोदी की प्रत्यर्पण के खिलाफ दाखिल याचिका को ब्रिटेन हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट के फैसले के बाद भगोड़ा नीरव को भारत लाए जाने का रास्ता साफ हो गया है. हालांकि, इसमें अभी कुछ वक्त लग सकता है.
डिप्लोमेसी और मानवाधिकार के तय कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ब्रिटेन पुलिस नीरव को केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) को सौंप देगी. जांच एजेंसी इसके बाद नीरव को ब्रिटेन से भारत लाएगी.
नीरव के खिलाफ कौन-कौन से केस दर्ज हैं?
1. मनी लॉन्ड्रिंग का केस- CBI ने शुरुआती जांच के बाद नीरव मोदी के खिलाफ PMLA एक्ट के तहत केस दर्ज कर दिया. इसके बाद इसकी जांच में ईडी की भी एंट्री हो गई. PMLA कोर्ट नीरव को भगोड़ा घोषित कर चुकी है.
2. आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी का केस- PNB की शिकायत पर मुंबई पुलिस ने 29 जनवरी 2018 को नीरव मोदी के खिलाफ आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था. PNB के डिप्टी जनरल मैनेजर ने यह शिकायत दर्ज कराई थी.
3. सरकारी कर्मचारियों को प्रताड़ित करने का केस- नीरव मोदी पर सरकारी कर्मचारियों को प्रताड़ित करने का भी केस दर्ज किया गया है.
नीरव ने कितने का फ्रॉड किया है?
PNB की शिकायत के मुताबिक नीरव मोदी ने 8 इंस्टॉलमेंट में करीब 14 हजार करोड़ रुपए का लोन लिया. यह लोन फरवरी 2017 में लिया गया. लोन लेने के बाद नीरव कुछ दिनों तक बैंक को गुमराह करता रहा और फिर भारत छोड़कर भाग गया.
नीरव से अलग-अलग होगी पूछताछ
सुप्रीम कोर्ट के वकील ध्रुव गुप्ता के मुताबिक नीरव मोदी को भारत आने के बाद ED और CBI अलग-अलग पूछताछ करेगी. ED की जांच मनी लॉन्ड्रिंग पर आधारित रहेगी, जबकि CBI आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी को लेकर पूछताछ करेगी.
नीरव को ज्यादा दिनों तक कस्टडी में रखने के लिए जांच एजेंसी PMLA एक्ट का उपयोग भी कर सकती है.
नीरव की सुरक्षा भी बड़ी चुनौती
नीरव मोदी ने ब्रिटेन हाईकोर्ट को बताया कि मुंबई के जिस ऑर्थर जेल में उसे रखने की बात हो रही है, उसमें उसके जान को खतरा है. नीरव की ओर से दायर हलफनामे में कहा गया कि उसकी हत्या हो सकती है या वो खुद सुसाइड कर लेगा.
भारत लाए जाने के बाद नीरव की सुरक्षा भी बड़ी चुनौती है. हालांकि, ब्रिटेन हाईकोर्ट में भारत सरकार ने बताया कि नीरव को स्पेशल सेल में रखा जाएगा. उसे हर दिन वकील से और हफ्ते में एक बार परिवार से मिलने दिया जाएगा. स्पेशल सेल से नुकीली चीजें हटा दी गई है.
नीरव को कितनी सजा हो सकती है?
वकील ध्रुव गुप्ता के मुताबिक नीरव के खिलाफ तीन धाराओं में केस दर्ज है. ऐसे में सभी धाराओं में सजा का अलग-अलग प्रावधान है.
PMLA के तहत 3 साल और उससे ज्यादा की कठोर कारावास की सजा हो सकती है. बेल मिलना भी मुश्किल होगा.
धोखाधड़ी में 7 साल की सजा और आर्थिक दंड लगाया जा सकता है. आपराधिक साजिश में भी इसी तरह की सजा का प्रावधान है.
नीरव को लौटाना होगा PNB का पैसा?
यह कोर्ट की सुनवाई से तय होगा. नीरव के खिलाफ जो केस दर्ज हैं, उसमें रिकवरी के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है. दोषी साबित होने पर कोर्ट नीरव पर जेल की सजा और जुर्माना लगा सकता है.
मनी लॉन्ड्रिंग केस में कोर्ट संपत्ति जब्त का आदेश भी दे सकती है, लेकिन तनीरव की संपत्ति अब उतनी बची नहीं है. एक रिपोर्ट के मुताबिक ईडी ने अब तक सिर्फ 8.5 हजार करोड़ रुपए की संपत्ति ही जब्त कर पाई है.
नीरव ने 2018 में पीएनबी को एक लेटर लिखा था. लेटर में नीरव ने कहा था कि जिस तरह छापेमारी और कार्रवाई हो रही है. उस स्थिति में पैसा लौटाना संभव नहीं है. हमारे सारे शेयर गिर चुके हैं. अब देखना है कि भारत में आने के बाद पैसा लौटाने को लेकर नीरव क्या रूख अपनाते हैं.
PNB फ्रॉड केस की टाइमलाइन
फरवरी 2017- बैंक से करीब 14 हजार करोड़ रुपए का नीरव मोदी ने लोन लिया.
जनरवरी 2018- लोन लेने के बाद नीरव मोदी भारत से भाग निकला.
जनवरी 2018- नीरव के भागने के बाद PNB ने धोखाधड़ी की FIR कराई.
फरवरी 2018- CBI ने नीरव और उसके परिवार वालों के खिलाफ भी FIR दर्ज की.
जून 2018- इंटरपोल ने नीरव मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया.
मार्च 2019- नीरव मोदी को ब्रिटेन पुलिस ने गिरफ्तार किया.
अगस्त 2019- CBI ब्रिटेन की कोर्ट में नीरव के प्रत्यर्पण के लिए अर्जी दाखिल की.
दिसंबर 2019- भारत की PMLA कोर्ट ने नीरव मोदी को भगौड़ा घोषित किया.
फरवरी 2021- ब्रिटेन की निचली अदालत ने नीरव के प्रत्यर्पण को मंजूरी दी.
मार्च 2021- नीरव ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की.
दिसंबर 2022- हाईकोर्ट ने नीरव की याचिका खारिज की. सुप्रीम कोर्ट जाने पर भी रोक लगाई.