(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Nirav Modi Case: नीरव मोदी पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा, 'ब्रिटेन को भारत के आश्वासनों में कमी नहीं ढूंढनी चाहिए'
PNB Scam: नीरव के बचाव पक्ष ने दावा किया कि यदि उसे भारत के “प्रतिकूल वातावरण” में भेजा जाता है तो उसका डिप्रेशन बदतर हो जाएगा.
PNB Scam Case: लंदन हाई कोर्ट ने बुधवार(12 अक्टूबर) को कहा कि भारत एक मित्र देश है. ब्रिटेन को हिंदुस्तान सरकार के इस आश्वासनों में खामियां नहीं ढूंढनी चाहिए कि धोखाधड़ी और धनशोधन से संबंधित मुकदमे के दौरान हीरा कारोबारी नीरव मोदी को मुंबई की आर्थर रोड जेल में पर्याप्त चिकित्सा देखभाल प्रदान की जाएगी.
नीरव मोदी (51) ने दो अरब अमेरिकी डॉलर के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) कर्ज घोटाला मामले में खुद को भारत प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ अपील दाखिल की है, जिसपर सुनवाई के दूसरे दिन दो न्यायाधीशों की पीठ ने इन दलीलों पर गौर किया कि इसका बहुत अंदेशा है कि नीरव अपनी डिप्रेशन हालत के चलते आत्महत्या कर सकता है.
'खामियां नहीं निकालनी चाहिए है'
नीरव के बचाव पक्ष ने दावा किया कि यदि उसे भारत के “प्रतिकूल वातावरण” में भेजा जाता है तो उसका डिप्रेशन बदतर हो जाएगा. भारत में राजनेताओं ने उन्हें पहले ही अपराधी घोषित करके “बुरे व्यक्ति” रूप में पेश किया है. साथ ही प्रेस ने उनके प्रति “कटुतापूर्ण” रवैया दिखाया है और लोगों ने “उनके पुतले जलाए” हैं. जज जेरेमी स्टुअर्ट-स्मिथ ने बचाव पक्ष के वकील एडवर्ड फिट्जगेराल्ड से कहा, “भारत सरकार के आश्वासनों को यथोचित रूप से सही तरीके से देखा चाहिए और उनमें से खामियां नहीं निकाली जानी चाहिए.” उन्होंने कहा, “आपके मुवक्किल को लग सकता है कि आश्वासन पर्याप्त नहीं हैं, लेकिन हमें एक सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए.”
'कार्यपालिका नहीं करती कानून का पालन'
जज रॉबर्ट जे. ने कहा कि 1992 में हुई भारत-यूके प्रत्यर्पण संधि के संदर्भ में भारत एक “मित्र देश” है और हमें संधि से संबंधित अपने दायित्वों का पालन करना चाहिए.” फिट्जगेराल्ड ने कहा कि उन्होंने आश्वासनों पर गंभीरता से गौर किया और पाया कि भारत में न्यायपालिका तो स्वतंत्र है, लेकिन कार्यपालिका हमेशा कानून के शासन का पालन नहीं करती. उन्होंने कहा, “ऐसा नहीं है कि पूर्ण सहयोग का लंबा इतिहास रहा हो... ऐसे कई मामले भी आए हैं जिनमें अदालत ने पाया कि प्रतिवादी को भारत प्रत्यर्पित नहीं किया जाना चाहिए.” हिंदुस्तान सरकार की ओर से पेश अभियोजन वकील हेलेन मैल्कम ने कहा, “यह भारत में एक बेहद चर्चित मामला है और भारत सरकार, नीरव मोदी की देखभाल पर बहुत लोगों की निगाहें होंगी.”
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