(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
PNB घोटाले के बाद पता घोटाला: मेहुल चोकसी की कंपनी के पांचवे डायरेक्टर का पता भी फ़र्ज़ी निकला
बैंकिंग घोटाले के बाद अब मेहुल चोकसी के नाम से पता घोटाला सामने आया है. पीएनबी घोटाले के इस आरोपी ने अपने डायरेक्टर्स के पते गलत दिए हैं. सीबीआई ने जब इसकी कंपनी के पांच डायरेक्टर्स के ठिकानों पर छापे मारे तब उन पतों पर सीबीआई को कोई नहीं मिला.
मुंबई: पीएनबी घोटाले के प्रमुख मेहुल चोकसी का नया कांड सामने आया है. हज़ारों करोड़ों के मालिक मेहुल ने अपनी कंपनी के डायरेक्टरों के जो पते दिए थे, अबतक के छापों में वो सारे गलत साबित हुए हैं. यानी की दिए गए पते झुग्गी-झोपड़ियों के हैं और अबतक जिन पांच डायरेक्टर्स पर छापा मारा गया है उनमें से कोई भी दिए गए पते पर नहीं मिला.
पीएनबी घोटाले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे फर्जीवाड़े की हैरान करने वाली कहानियां सामने आ रही हैं. हजारों करोड़ का कारोबार करने वाली चोकसी की कंपनी ने अपने डायरेक्टरों के पते के तौर पर या तो मुंबई की चॉल है या फिर एक बीएचके का फ्लैट का पता दिया था. पिछले तीन दिनों के दौरान चोकसी के पांच डायरेक्टरों के ठिकानों पर छपे मारे गए हैं, लेकिन पांचों में से कोई डायरेक्टर वहां नहीं मिला.
ताज़ा छापेमारी में नहीं मिले नायर
सबसे ताजा छापेमारी मुंबई के पास कल्याण में हुई है. गिली और गीतांजलि डायमंड के डायरेक्टर अनियाथ शिवरामन नायर को खोजते हुए ईडी जब यहां पहुंची तब उन्हें एक चॉल में मिला, लेकिन पते पर कंपनी के डायरेक्टरों में शुमार नायर यहां नहीं मिले. वहीं जानकारी मिली है कि नायर की पत्नी एक टीचर हैं.
PNB बैंक से जुड़े करोडों के घोटाला मामले में सीबीआई गिली ज्वेलर्स और गीतांजलि डायमंड के डारेक्टर अनियाथ शिवरमण नायर की तलाश करने निकली. तलाश करते हुए सीबाआई कल्याण के काटेमानवली पास के संजीव कॉलनी के चाल नंबर दो और रूम नंबर सात में पहुंची. हैरानी की बात ये थी कि यहां सीबीआई के हाथ कुछ नहीं लगा.
दरअसल इस जगह को किराए पर देकर नायर पिछले आठ सालों से एक दूसरी जगह फ्लैट लेकर रहते हैं. सोसायटी के चेयरमेन मंजुला कुट्टी ने कहा कि नायर, उनकी पत्नी और दो बच्चों के साथ रहते है. बच्चे नौवीं और 12वीं में पढ़ाई करते हैं. शुक्रवार को सीबीआई के लोग पूछताछ करने के लिए आये थे. कल देर शाम ED के लोग भी पहुंचे. मंजुला ये बताने को तैयार नहीं हुईं कि नायर के नहीं मिलने पर क्या कार्रवाई हुई.
अलग पते पर दूसरे छाप में मिले नायर
पीएनबी घोटाले में ठाणे के बाद ईडी ने कल्याण में भी छापेमारी की. नीरव मोदी के रिश्तेदार मेहुल चोकसी की गीतांजली कंपनी के गीतांजली, नक्षत्र, और गीली जैसे तीन विभागों में डायमंड के गहने तैयार किये जाते है. मेहुल चोकसी का नाम भी इस घोटाले में शामिल है. सीबीआई ने मामले में जिन लोगों को आरोपी बताया है उनमें नायर का नाम भी शामिल है.
नायर गिली कंपनी के डायरेक्टर है. सीबीआई नायर के कल्याण के चिंचपाडा इलाके के सद्गुरुधाम बिल्डिंग वाले नए पते पर भी पहुंची, लेकिन शुक्रवार के दिन यहां पहुंची सीबीआई के हाथ वापस से कुछ नहीं लगा. वहीं जब ईडी ने इसी पते पर छापेमारी की तब नायर घर पर ही थे. छापे के दौरान ईडी ने नायर से पूछताछ कर जानकारी इक्ट्ठा की.
बाकी के पते भी फ़र्ज़ी
मेहुल चौकसी और नीरव मोदी ने न सिर्फ बैंकों में घोटाला किया बल्कि फर्जी कंपनियां और फर्जी डायरेक्टर बनाकर सरकार की आंखों में धूल झोंकी. एबीपी न्यूज़ ने सीबीआई की एफआईआर में दर्ज डायरेक्टरों की तहकीकात की तो पता चल रहा है कि एक कमरे के मकान में रहने वाले भी अरबों की कंपनी के डायरेक्टर बना दिए गए थे.
प्रवर्तन निदेशालय ने नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के मुंबई में 4 ठिकानों पर छापे मारे. ओपेरा हाउस, पेद्दार रोड, गोरेगांव ईस्ट और पवई में कंपनी के ठिकानों पर छापे मारे गए हैं. जिन ठिकानों पर छापे मारे गए हैं वो कागजी कंपनियां हैं जिन्हें कागजों पर तो दिखाया गया लेकिन उनका कोई वजूद नहीं था.
शक है कि मामा भांजे ने इस तरह की 200 के करीब शेल और बोगस कंपनियां बनाईं थीं जिनके जरिए घोटालेबाजी का खेल खेला जा रहा था. इतना ही नहीं इन कंपनियों ने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में भी तमाम फर्जी नाम शामिल किए. सीबीआई की दर्ज दूसरी एफआईआर में गीतांजलि जेम्स लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टर पंखुड़ी अभिजीत वारंगे का भी नाम शामिल है.
सीबीआई की एफआईआर में उनका जो पता लिखा है वो 601, साईंधाम अपार्टमेंट, मुलुंड ईस्ट, मुम्बई लिखा है. एबीपी न्यूज़ की टीम जब पंखुड़ी अभिजीत वरंगे को ढूंढते हुए यहां पहुंची तो घर के अंदर मौजूद महिला ने बताया कि यहां वो किराये पर रहती है और अभिजीत वरंगे यहां नही रहते हैं. बातचीत में महिला ने बताया कि घर पंखुड़ी अभिजीत वारंगे का ही है. लेकिन वो अब कहा रहते है इन्हें नही पता.
एबीपी न्यूज़ की पड़ताल में ये बात सामने आई कि नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की कंपनियों में जिन लोगो को डायरेक्टर दिखाया गया है वो छोटी छोटी चॉल में रहने वाले लोग हैं जिन्हें शायद पता भी नही की वो इतनी बड़ी बड़ी कंपनियों में डायरेक्टर हैं. पड़ताल में कुछ आरोपियों के पते वो नहीं निकले जो एफआईआर में दर्ज हैं.