नई दिल्ली: करीब 13,000 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले के आरोपी मेहुल चोकसी के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है. इंटरपोल ने यह कदम जांच एजेंसी सीबीआई के अनुरोध पर उठाया है. चोकसी ने एंटीगुआ की नागरिकता हासिल कर ली है. रेड कॉर्नर नोटिस भगोड़े अपराधियों के लिए एक तरह का अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट होता है जिसमें इंटरपोल अपने सदस्य देशों से उन्हें गिरफ्तार करने या हिरासत में लेने का अनुरोध करता है.


मेहुल चोकसी इसी साल जनवरी के पहले सप्ताह में फरार हो गया था, जब सीबीआई ने पीएनबी घोटाले में एफआईआर दर्ज की थी. घोटाला में मेहुल चोकसी के साथ उसका भांजा नीरव मोदी भी आरोपी है. नीरव मोदी भी भारत से फरार है और संभवत: ब्रिटेन में हैं. नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के खिलाफ जांच कर रही एजेंसियां भारत और विदेशों में करोड़ों की संपत्ति जब्त कर चुकी है.


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गीतांजलि समूह के नीरव मोदी और उनके मामा मेहुल चोकसी दोनों की जांच सीबीआई और ईडी कर रही है. ईडी ने 24 और 26 मई को दोनों के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया था. उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए गए हैं.


सीबीआई ने पिछले महीने अपने आरोप पत्र में कहा था कि चोकसी ने 7,080.86 करोड़ रुपये ठगे जो इस देश का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला है. नीरव मोदी ने कथित तौर पर 6,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की.


एजेंसियों ने मेहुल और नीरव मोदी के करोड़ों रुपये की देश और विदेश में संपत्ति जब्त की है. आरोप है कि दोनों ने धोखाधड़ी 2011-17 के दौरान अवैध रूप से लेटर्स ऑफ अंटरटेकिंग (एलओयू) और फॉरेन लेटर्स ऑफ क्रेडिट (एफएलसी) जारी करके की.


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