ED ने दुबई में नीरव मोदी की 56 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी जब्त की
प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को कहा कि उसने दो अरब डॉलर के पीएनबी धोखाधड़ी मामले में धन शोधन की अपनी जांच के सिलसिले में फरार हीरा कारोबारी नीरव मोदी की दुबई में 56 करोड़ रुपये से अधिक की 11 संपत्ति कुर्क की हैं.
नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को कहा कि उसने दो अरब डॉलर के पीएनबी धोखाधड़ी मामले में धन शोधन की अपनी जांच के सिलसिले में फरार हीरा कारोबारी नीरव मोदी की दुबई में 56 करोड़ रुपये से अधिक की 11 संपत्ति कुर्क की हैं. केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि संपत्तियां ‘‘मोदी और उसके समूह की कंपनी मेसर्स फायरस्टार डायमंड एफजेडई की थीं और उनकी बाजार कीमत 77.9 लाख डॉलर यानी 56.8 करोड़ रुपये है.’’
प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत इन संपत्तियों को कुर्क करने का अस्थायी आदेश जारी किया है. पिछले महीने एजेंसी ने मोदी और उसके परिवार के सदस्यों की 637 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी. इसमें न्यूयॉर्क के सेंट्रल पार्क स्थित उनके दो अपार्टमेंट भी शामिल थे. एजेंसी सूत्रों ने बताया कि दुबई के अपने समकक्षों के साथ तालमेल करके इन संपत्तियों की कुर्की की कानूनी औपचारिकता पूरी करने के लिये ईडी को जल्द मुंबई की एक अदालत की जारी कई अनुरोध पत्र मिलेंगे. उन्होंने बताया कि अनुरोध पत्र जारी होने के बाद भारत किसी आरोपी की विदेशी संपत्ति को कुर्क कर सकता है.
मोदी इस साल की शुरूआत में देश का अब तक तक का सबसे बड़ा बैंक धोखाधड़ी मामला सामने आने के बाद से फरार है और इंटरपोल ने उसकी गिरफ्तारी के लिये हाल में वारंट जारी किया था. वहीं, भारत ब्रिटेन से उसके प्रत्यर्पण का प्रयास कर रहा है, जहां आखिरी बार उसे देखा गया था. एजेंसी ने अब तक देश में मोदी और उसके परिवार की 700 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की है. उसने भगोड़ा हीरा कारोबारी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है जिसमें आरोप लगाया गया है कि उसने धन का शोधन किया और बैंकों की 6400 करोड़ रुपये से अधिक की रकम डमी विदेशी कंपनियों को भेजी. ये कंपनियां उसके और उसके परिवार के सदस्यों के नियंत्रण में थीं.
मोदी, उसके मामा मेहुल चोकसी और अन्य के खिलाफ पीएनबी की शिकायत के बाद विभिन्न आपराधिक कानूनों के तहत जांच की जा रही है. पीएनबी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि उन्होंने कुछ कर्मचारियों की कथित मिलीभगत से बैंक को 13000 करोड़ रुपये से अधिक का चूना लगाया.