नई दिल्ली: पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाला मामले में आरोपी नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी को जल्द से जल्द प्रत्यर्पित करने की कोशिश जारी है. नीरव मोदी को मंगलवाद को लंदन में गिरफ्तार किया गया था और उसे बुधवार को वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में पेश किया गया. जहां अदालत ने उसे 29 मार्च तक हिरासत में रखने की मंजूरी दी है. इसे नीरव मोदी को भारत लाने के भारतीय जांच एजेंसियों के प्रयासों की दिशा में एक बड़ी कामयाबी के रूप में देख जा रहा है. मेहुल चोकसी एंटीगुआ में रह रहा है.
दोनों के प्रत्यर्पण के लिए भारतीय एजेंसियां लगातार कोशिश कर रही है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि भारत नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामले को लेकर लगातार ब्रिटेन से संपर्क में बना हुआ है. कुमार ने कहा, “हम इस बात का स्वागत करते हैं कि वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट के क्रम में ब्रिटेन के अधिकारियों ने नीरव मोदी को गिरफ्तार कर लिया है.”
वहीं आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के खिलाफ एंटीगुआ में प्रत्यर्पण की प्रक्रिया जारी है. उन्होंने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जैसी भारतीय जांच एजेंसियों ने उस देश के अधिकारियों को दस्तावेज भेजे हैं ताकि वे इस पर गौर करें और चोकसी को भारत वापस भेजे.
अधिकारियों ने बताया कि चोकसी के खिलाफ प्रत्यर्पण की प्रक्रिया जारी है और हम एंटीगुआ-बारबुडा के अधिकारियों से सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि कानूनी प्रक्रिया जारी है और जांच एजेंसियां उस देश के अधिकारियों से अगली सूचना मिलने का इंतजार कर रहे हैं.
प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लौंड्रिंग के एक मामले में नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के लिये लंदन की एक अदालत में अपील की थी. अदालत ने अपील पर सुनवाई करते हुए नीरव मोदी के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था.
स्कॉटलैंड यार्ड (लंदन पुलिस) ने एक बयान में कहा, ‘‘नीरव दीपक मोदी को भारतीय एजेंसियों की तरफ से 19 मार्च (मंगलवार) को हॉलबार्न नामक स्थान पर गिरफ्तार किया गया है.’’ नीरव मोदी ने जिला न्यायाधीश मारी मैलॉन की अदालत में खुद को भारतीय अधिकारियों के हवाले किए जाने का विरोध किया.
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अदालत ने सुनवाई के बाद उसकी जमानत की अर्जी खारिज कर दी. अदालत ने उसे 29 मार्च तक हिरासत में रखे जाने की अनुमति दी है. जज ने कहा कि वह नीरव मोदी की जमानत की अर्जी मंजूर किए जाने के पक्ष में नहीं है क्यों कि मामला ‘बड़ी मोटी राशि का है’ और इसे देखते हुए इस बात की बड़ी संभावना है कि अभियुक्त एक बार जमानत पर छूटने के बाद फिर अदालत में आत्मसमर्पण नहीं करना चाहेगा.
जज ने कहा, ‘यह मानने का यहां पर्यापत आधार है कि जमानत पर छूटने के बाद आप आत्मसमर्पण नहीं करेंगे.’ अभियुक्त मोदी अदालत में सफेद कमीज और पतलून पहन कर आया था. वह बुझा बुझा दिख रहा था और वह केवल दो बार ही - प्रथम बार अपने नाम की पुष्टि करने को तथा दूसरी बार भारत को सौंपे जाने के बारे में अपना विरोध औपचारिक तौर पर प्रकट करने के लिए, मुंह खोला.
अदालत में भारतीय जांच एजेंसियों का पक्ष ब्रिटेन की अभियोजन सेवा ‘क्राउन प्राक्जेक्यूशन सर्विस’ ने किया और अदालत से कहा कि नीरव को भारत में दो अरब डालर (14,000 करोड़ रुपये) की धोखा धड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में तलाश किया जा रहा है. ब्रिटेन के कानून के तहत धोखा धड़ी के षडयंत्र में उसे सात साल तक की सजा हो सकती है. इसी तरह अपराध को छुपाने के षडयंत्र की सजा सात से 10 साल तक की है.
अभियोजन पक्ष के वकील जोनाथन स्वैन ने जानत की अर्जी का विरोध किया और कहा कि उनका मामना है कि जमानत मंजूर होने के बाद वह अदाल में आत्मसमर्पण के लिए वापस नहीं आएगा.
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नीरव की ओर से बैरिस्टर जार्ज हेपबर्न-स्काट और वकील आनंद दुबे खड़े हुए थे. भारत से भागे बड़े आर्थिक अभियुक्त विजय माल्या ने भी अपने प्रत्यर्पण मामले में इसी कानूनी विशेषज्ञ को खड़ा किया था. नीरव मोदी की ओर से 5,00,000 पौंड के बांड और जमानत की कठोर शर्तों के अनुपालन का वादा किया गया था.
नीरव मोदी को जहां गिरफ्तार किया गया उससे इस बात के संकेत मिलते हैं कि नीरव मोदी वेस्ट एंड के सेंटर पाइंट के उसी आलीशान अपार्टमेंट में रह रहा था जहां उसके होने की आशंका व्यक्त की जा रही थी. ऐसा लग रहा है कि उसे प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तार किया गया है.