नई दिल्ली: भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी को मंगलवार 19 मार्च को स्कॉटलैंड यार्ड ने गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तारी के बाद आज उसे ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट में पेश किया गया था. अब इस मामले पर कोर्ट 29 मार्च को अगली सुनवाई करेगी.


दो अरब डॉलर के पंजाब नेशनल बैंक घोटाला मामले में वांछित भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी की गिरफ्तारी को भारत सरकरा के उसको भारत वापस लाने के प्रयासों की दिशा में इसे बड़ी सफलता माना जा रहा है.





प्रत्यर्पण निदेशालय ने मनी लौंड्रिंग के एक मामले में नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के लिये लंदन की एक अदालत में अपील की थी. अदालत ने अपील पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को नीरव मोदी के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था.


स्कॉटलैंड यार्ड ने एक बयान में कहा, ‘‘नीरव दीपक मोदी (जन्मतिथि: 24 फरवरी 1971) को भारतीय एजेंसियों की तरफ से 19 मार्च को हॉलबार्न में गिरफ्तार कर लिया गया. उसे 20 मार्च को वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया जाएगा.’’


गिरफ्तारी की जगह से इस बात के संकेत मिलते हैं कि नीरव मोदी वेस्ट एंड के सेंटर पाइंट के उसी आलीशान अपार्टमेंट में रह रहा था जहां उसके होने की आशंका व्यक्त की जा रही थी. ऐसा लग रहा है कि उसे प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तार किया गया है. नीरव मोदी को अदालत में पेश किये जाने के बाद इस बारे में स्थिति स्पष्ट होगी.


नीरव मोदी को अदालत में पेश किये जाने के बाद औपचारिक तौर पर उसके खिलाफ आरोप तय किये जाएंगे. इसके बाद वह जमानत की अपील कर सकता है. बाद में इस मामले में भी ब्रिटेन की अदालत की उन्हीं प्रक्रियाओं का दोहराव होगा जो धोखाधड़ी एवं मनी लौंड्रिंग के मामले में अप्रैल 2017 में विजय माल्या की गिरफ्तारी के बाद हुआ है। माल्या उसके बाद से जमानत पर है.


क्या है पीएनबी मामला
पीएनबी ने 14 फरवरी को जानकारी दी कि उसके ब्रैडी हाउस ब्रांच में 11 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला सामने आया है. नीरव मोदी और उनके मामा मेहुल चोकसी पर 11,500 करोड़ रुपये कर्ज लेकर उसे नहीं चुकाने का आरोप लगाया. ये कर्ज पीएनबी के लैटर ऑफ अंडरटेकिंग के जरिए लिए गए और इनके आधार पर एक्सिस बैंक और इलाहाबाद बैंक की विदेशी शाखाओं से भी कर्ज लिया गया.


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