वित्त मंत्रालय ने बैंकों से 50 करोड़ रुपये से अधिक कर्ज लेने वाले ग्राहकों से कहा है कि वह 45 दिनों के भीतर बैंकों के पास पासपोर्ट का ब्यौरा जमा करें.
वित्त सचिव राजीव कुमार ने ट्विट कर कहा, ''क्लीन और जिम्मेदार बैंकिंग सर्विस के लिए अगला कदम. 50 करोड़ रुपये से अधिक के लोन पर पासपोर्ट का ब्यौरा देना जरूरी. धोखाधड़ी (फ्रॉड) के मामले में त्वरित कार्रवाई के लिए उठाया गया कदम.''
दरअसल हाल ही में पीएनबी को अरबों का चूना लगाने के बाद हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसका मामा मेहुल चोकसी फरार हो चुके हैं. दोनों पीएनबी घोटाले में जनवरी में सीबीआई में केस दर्ज होने के ठीक बाद भारत छोड़कर फरार हो गये थे. जिसके बाद विदेश मंत्रालय ने नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और उसके करीबियों का पासपोर्ट रद्द कर दिया है. सभी आरोपियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), आयकर (आईटी) विभाग और सीबीआई जांच कर रही है. देशभर में छापेमारी कर करोड़ों रुपये की संपत्ति जब्त की गई है.
नीरव मोदी और मेहुल चोकसी से पहले शराब कारोबारी विजय माल्या भी कई बैंकों को 9000 करोड़ से अधिक का चूना लगाकर विदेश भाग चुके हैं. कई फ्रॉड के द्वारा बैंकों का लोन लेकर भारत छोड़ने की वजह से मोदी सरकार को लगातार आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है.
एबीपी न्यूज़ ने पिछले दिनों घोटाले पर बड़ा खुलासा करते हुए दावा किया था कि पंजाब नेशनल बैंक में 12 हजार 700 करोड़ रुपये की नहीं बल्कि कुल 29 हजार करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है. मनमोहन सिंह और मोदी सरकार दोनों कार्यकाल में कर्ज दिये गये. जो बैंकों में वापस नहीं आया.
पीएनबी घोटाला 29 हजार करोड़ रुपये का है और इसमें से 9 हजार करोड़ मनमोहन सरकार के समय फर्जीवाड़ा के बक्से में गया जबकि 20 हजार करोड़ मोदी सरकार के समय आम जनता के हिस्से से गया है.