मुंबई: पीएनबी के 12 हजार करोड़ रुपए लेकर फरार हुआ मेहुल चोकसी अमेरिका से भागकर वेस्टइंडीज के एंटीगुआ चला गया है. प्रत्यर्पण नोटिस निकलने से एक दिन पहले मेहुल ने ये कदम उठाया है. ऐसे में ये सवाल भी उठाया जा रहा है कि क्या कोई ऐसा है जो उसे जांच की हर अपडेट दे रहा है. इसी बीच मेहुल को मॉब लिंचिंग का डर भी सता रहा है. चोकसी ने एक विशेष अदालत में अपील दायर कर अपने खिलाफ जारी गैर जमानती वॉरंट (एनबीडब्ल्यू) को रद्द करने का आग्रह किया है. साथ ही उसने आशंका जताई है कि अगर उसे भारत लाया जाता है तो उसकी पीट-पीटकर हत्या की जा सकती है.


एक विशेष मनी लांड्रिंग रोधक कानून (पीएमएलए) अदालत ने इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आरोपपत्र पर संज्ञान लेते हुए इस साल मार्च और जुलाई में चोकसी के खिलाफ गैर जमानती वॉरंट जारी किया था. चोकसी ने विशेष अदालत में अपनी अपील में कहा है कि भारत लौटने पर उसे न केवल पूर्व कर्मचारियों और कर्ज देने वालों से बल्कि जेल के कर्मचारियों और कैदियों से भी जान का खतरा हो सकता है.


अपील में कहा गया है कि अपीलकर्ता की कंपनी कामकाज नहीं कर पा रही है और कर्मचारियों को उनके वेतन का भुगतान नहीं हो पा रहा है जबकि कर्ज देने वालों का कर्ज नहीं लौटाया जा रहा है, ऐसे में ये सभी लोग चोकसी के खिलाफ गुस्से में हैं. अपील में दावा किया गया है, "भारत में मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ रही हैं. हाल के समय में आम जनता सड़क पर ही न्याय करने के लिए ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रही है. आवेदन करने वाले को भी इसी तरह का खतरा है. कई लोग उससे नाराज हैं."


अपील में कहा गया है कि चोकसी ने कभी जांच से दूरी नहीं बनाई है. जांच एजेंसियों ने उससे जो भी पूछा है उसका जवाब दिया है. अपील में कहा गया है कि अपने खराब स्वास्थ्य, पासपोर्ट रद्द होने और जान पर खतरे जैसी परिस्थितियों की वजह से चोकसी भारत नहीं जा रहा है. विशेष पीएमएलए न्यायाधीश एम एस आजमी ने प्रवर्तन निदेशालय को चोकसी की अपील पर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. इस मामले पर अगली सुनवाई 18 अगस्त को होगी.


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