Pod Taxis: ड्राइवरलेस टैक्सी का जमाना आया, जानिए देश में कहां चलने वाली हैं ये पॉड टैक्सी
उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही ग्रेटर नोएडा से नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे तक नई टैक्सियों को चलाने वाली है, ये टैक्सी बिना ड्राइवर के चलेंगी इसी वजह से इन्हें ड्राइवर लैस या पॉड टैक्सी भी कहते हैं.
अब सड़कों पर नए तरह की टैक्सी देखने को मिलेगीं. ये टैक्सी अनोखी और आकर्षक होंगी और इन टैक्सियों की खास बात ये है कि इन्हें चलाने के लिए किसी ड्राइवर की जरूरत नहीं होगी बल्कि ये खुद से चलेंगी. इसी वजह से इनका नाम पॉड टैक्सी रखा गया है. कुछ महीने पहले केंद्र सरकार ने ड्राइवरलेस मेट्रो को भी हरी झंडी दिखाई थी.वहीं पर्सनल रैपिड ट्रांजिट राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के उत्तरी और दक्षिणी क्षेत्रों को जेवर से जोड़ देगा. जिससे लोगों को यात्रा करने में कोई समस्या नहीं होगी.
यमुना प्राधिकरण ने किया बदलाव
उत्तर प्रदेश सरकार पॉड टैक्सियों को लाने के लिए पूरी तरह तैयार है, ये टैक्सी ग्रेटर नोएडा से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक चलेंगी. वहीं यमुना प्राधिकरण एक बड़ी योजना को लेकर तैयारी कर रहा है. फिल्म सिटी से लेकर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक पॉड टैक्सी चलाने की योजना में यमुना प्राधिकरण ने बड़ा बदलाव किया है. अब ग्रेटर नोएडा से जेवर एयरपोर्ट तक पॉड टैक्सी चलाई जाएगी. इस योजना के बाद नोएडा और ग्रेटर नोएडा के लाखों लोगों को बड़ा फायदा होगा. यमुना अथॉरिटी का कहना है कि 2023 में जेवर एयरपोर्ट से पहली उड़ान भरी जाएगी. पॉड टैक्सी पहले फिल्म सिटी से लेकर जेवर एयरपोर्ट पर प्रस्तावित की गई थी, जेवर एयरपोर्ट पर प्रस्तावित की गई थी, लेकिन अब इस योजना में बदलाव करते हुए ग्रेटर नोएडा से यमुना सिटी के सेक्टरों को जोड़ते हुए जेवर एयरपोर्ट तक पॉड टैक्सी चलाने की योजना बनाई है.
#NIAirport model on display at the #UPDiwas2021, 24th January. @jewar_airport pic.twitter.com/wm3q9ugbft
— Jewar_Airport (@jewar_airport) February 17, 2021
रफ्तार होगी 100 किमी प्रतिघंटा
पॉड टैक्सी के लिए तैयार होने वाले ढांचे की लागत मेट्रो की तुलना में एक तिहाई है. साथ ही यात्री इसे खुद संचालित कर सकते हैं. इसकी अधिकतम रफ्तार सौ किमी प्रतिघंटा होती है. एक पॉड टैक्सी में चार से छह लोगों के बैठने की सुविधा होती है.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुग्राम और दिल्ली के बीच 800 करोड़ रुपये की लागत से पॉड टैक्सी का पायलट प्रोजेक्ट 2016 में लॉन्च किया था. भारत की तुलना में अन्य देशों में तेजी से पॉड टैक्सियों का इस्तेमाल किया जा रहा है, ये टैक्सियां यात्रियों की यात्रा को आसान बनाती हैं.
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