Kumar Vishwas: मशहूर कवि कुमार विश्वास अपने बेबाक अंदाज के लिए जाने जाते हैं. हाल ही में कुमार विश्वास ने शुभांकर मिश्रा से उनके यूट्यूब चैनल Unplugged Shubhankar पर कई मुद्दों पर बात की. इस दौरान उन्होंने धर्म, ब्राह्मण और दलित पर भी अपनी बात रखी.
कुमार विश्वास से भारत में बौद्ध धर्म को लेकर सवाल पूछा गया कि एक समय में इसका काफी विस्तार भारत में हो गया था लेकिन धीरे-धीरे समय के साथ ये क्यों कम हो गया? इस सवाल के जवाब में कुमार विश्वास ने कहा, 'हिंदुस्तान और विश्व का बौद्ध धर्म अलग-अलग है.'
क्या बोले कुमार विश्वास?
कुमार विश्वास ने कहा, 'हिंदुस्तान का बौद्ध धर्म हमारे संविधान निर्माता बाबा साहब अंबेडकर की व्याख्याओं के बाद बहुत परिवर्तित हुआ. दलित और स्त्री का जो कष्ट है शुभांकर मिश्रा और विश्वास कुमार शर्मा होकर नहीं समझा जा सकता. स्त्री का कष्ट हमको पता ही नहीं है.'
महिलाओं-दलितों के कष्टों पर की बात
उन्होंने कहा, 'बच्चियों ने बचपन से निगाहें , चीजें और स्पर्श सहे हैं, उसने इनकी प्रतिक्रियाओं को गढ़ा है. दलितों की व्याख्या समझें तो कितने हजारों वर्षों तक इस पूरी व्यवस्था ने उनको किस हाशिये पर रखा है. उनको लगातार अपनी जाति में जन्म होने पर विचार करना पड़ा है.'
'दलित पैदा होने में आपका दोष नहीं'
कुमार विश्वास ने कहा, 'अगर कोई दलित पैदा हुआ तो इसमें उसका कोई दोष नहीं है. इसके लिए शासन को व्यवस्था करनी चाहिए. शासन ने इसके लिए व्यवस्था की है कि उन्हें कोई गलत बात न बोले, उनके खिलाफ जातिगत टिप्पणी न की जाए और उन्हें पीछे न समझा जाए. अगर वो पीछे हैं तो उनको बाकी समाज की अन्य परंपराओं के साथ खड़ा होने के लिए जो भी जरूरी कदम हैं उन्हें उठाया जाना चाहिए. गांव में अभी भी काफी सुधार की जरुरत है और ये सरकारों से नहीं होगा बल्कि इसके लिए समाज को सचेत होना पड़ेगा. धीरे-धीरे ये भेदभाव दूर होगा.'
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