Operation Vijay: कारगिल युद्ध (Kargil War) को कौन भूल सकता है, 26 जुलाई 1999 को हमारे वीर जवानों ने इस जंग में ऑपरेशन विजय (Operation Vijay) को सफलतापूर्वक अंजाम दिया था और कारगिल के द्रास सेक्टर (Dras Sector) की 5140 पहाड़ी पर तिरंगा फहराया था. बहादुर जवानों की उसी शानदार जीत का जश्न मनाने के लिए भारतीय सेना (Indian Army) ने एक अहम कदम उठाया है. सेना ने कारगिल युद्ध की विजय में बोफोर्स (Bo force) जैसी तोप और गनर्स (तोपची) की निर्णायक भूमिका की याद में द्रास सेक्टर की प्लाइंट 5140 पहाड़ी का नाम अब 'गन हिल' कर दिया है.
दरअसल, कारगिल सेक्टर में ऑपरेशन विजय में गनर्स और सैनिकों के सर्वोच्च बलिदान को श्रद्धांजलि देने के लिए द्रास में प्वाइंट 5140 को गन हिल का नाम दिया गया है. तोपखाने की रेजिमेंट की ओर से, द्रास के कारगिल युद्ध स्मारक में लेफ्टिनेंट जनरल टीके चावला, आर्टिलरी के महानिदेशक ने ऑपरेशन में भाग लेने वाले वयोवृद्ध गनर्स के साथ पुष्पांजलि अर्पित की. फायर एंड फ्यूरी कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता ने भी इस अवसर पर माल्यार्पण किया.
ये समारोह आर्टिलरी रेजिमेंट के सभी वरिष्ठों की उपस्थिति में आयोजित किया गया था, जिन्हें ऑपरेशन विजय (Operation Vijay) में कारगिल (Kargil) की उपाधि मिली थी. इस अवसर पर गनर बिरादरी के सेवारत अधिकारी भी उपस्थित थे. गौरतलब है कि 1999 में पाकिस्तान (Pakistan) ने कारगिल (Kargil) पर हमला किया था, जिसमें 527 वीर सैनिकों ने शहादत देकर प्वाइंट 5140 पर तिरंगा लहराया और अपनी जीत का ऐलान किया. कारगिल का यह युद्ध 18 हजार फीट की ऊंचाई पर तकरीबन 2 महीने तक चला था, जिसमें 1300 से ज्यादा सैनिक इस जंग में घायल हुए.
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