जहरीली शराब से मौत: महज 10 साल में 12000 लोगों की गई जान, मरने वालों में 79 प्रतिशत पुरुष
आज ही जहरीली शराब पीने से उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में 30 लोगों की जान चली गई. उत्तराखंड में जहां जहरीली शराब पीने से 13 लोगों की मौत हो गई है वहीं यूपी के सहारनपुर में 9 और कुशीनगर में 8 लोगों की मौत हुई है.
नई दिल्ली: शराब ने न जाने कितनी जिंदगियों को बर्बाद कर दिया है. न जाने कितने परिवारों को तबाह कर दिया और न जाने कितने घरों की खुशियां छीन ली. लोग इसकी खामियों के बारे में जानते हुए भी इसकी जद में फंस जाते हैं. इसकी लत में जो एकबार फंस जाता है उसका बाहर निकलना बेहद मुश्किल हो जाता है. शराब की लत में आदमी घटिया, खराब और नकली शराब तक पीने लगता है. नतीजा यह होता है कि उसकी जान चली जाती है और पीछे रह जाता है उसका रोता परिवार.
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में जहरीली शराब से 36 लोगों की जान गई
आज ही जहरीली शराब पीने से उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में 30 लोगों की जान चली गई. उत्तराखंड में जहां जहरीली शराब पीने से 13 लोगों की मौत हो गई है वहीं यूपी के सहारनपुर में 9 और कुशीनगर में 8 लोगों की मौत हुई है. कुछ अन्य की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है.
यह पहला मौका नहीं जब जहरीली शराब पीने से लोगों की जान गई है. साल 2015 में जहरीली शराब पीने से 1522 लोगों की जान गई थी. इन आकड़ों को देखें तो हर दिन औसतन 4 लोगों की जान जाती है.
2005 से 2015 तक 12000 लोगों की मौत
2005 से 2015 तक जहरीली शराब पीने से लगभग 12000 लोगों की जान गई. यानि औसतन 1183 लोग हर साल इस नकली शराब की चपेट में आकर दुनिया से चले जाते हैं. 2006 में मरने वालों का आकड़ा 685 था, लेकिन 2015 के आकड़ों से तुलना करें तो वह डबल से भी ज्यादा हो गया.
मरनेवालों में 79 प्रतिशत पुरुष
जिन 12 हजार लोगों की 2005 से 2015 तक मौत हुई है उसमें लगभग 9 हजार से ज्यादा पुरुष शामिल हैं. जहरीली शराब से मरने वाले पुरुषों की संख्या कुल मरने वालों की संख्यां का 79 प्रतिशत है. वहीं महिलाओं की बात करें तो कुल 2490 महिलाओं की जान जहरीली शराब से पिछले इस समयअवधी में गई है. जो कि मरनेवालों के संख्या का 21 प्रतिशत है.
तमिलनाडु में सबसे ज्यादा मौत2015 तक के आकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा मौत तमिलनाडु में हुई है. इस अवधी में तमिलनाडु राज्य में 1456 लोगों की मौत हुई. इसके बाद कर्नाटक, पंजाब, पश्चिम बंगाल और गुजरात जैसे राज्य हैं. इन पांच राज्यों में कुल 5945 लोगों की मौत हुई. इन पांच राज्यों के बाद छठे नंबर पर उत्तर प्रदेश है. उत्तर प्रदेश में 2015 तक कुल 765 मौत हुई है. वहीं उत्तराखंड में 2005 से 2015 तक मरने वालों की संख्या 38 रही.
सरकारी नीति की वजह से नकली शराब बाजार का निर्माण हुआ
बाजार अनुसंधान निकायों का अनुमान के अनुसार भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा शराब बाजार है. शराब उद्योग का कहना है कि प्रतिबंधात्मक सरकारी नीति और उच्च करों के कारण देश में नकली शराब बाजार का निर्माण हुआ है. अवैध शराब के बाजार के आकार का अनुमान लगाना मुश्किल है, लेकिन यह करोड़ों रुपये का है.
शराब से मौत बना सियासी मुद्दा
उत्तर प्रदेश में हुई मौत को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, 'शराब पीने से हो सकता है कि लोगों की जान ज्यादा जाए. इसकी वजह यह है कि लोगों को सरकार ने लालच दिया है कि गाय की सेवा अच्छी तभी होगी, जब आप शराब ज्यादा पिएंगे. लेकिन हमारे गरीब लोगों को यह नहीं पता, उन्हें पीनी कौन (शराब) सी है. सरकार को यह सब पता है और वह शराब पीने वालों को बढ़ाना चाहती है. सरकार को यह भी पता है कि कौन ऐसी शराब (जहरीली) बना रहा है.'
सीएम योगी ने कुशीनगर और सहारनपुर में जहरीली शराब से हुई मौतों पर दिए कार्रवाई के आदेश
वहीं यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर दुख जताया है और मृतकों को 2-2 लाख और जिनका इलाज चल रहा है उन्हें 50-50 हजार देने की घोषणा की है. उन्होंने दोनों जगहों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि पीड़ित लोगों को उचित चिकित्सा सहायता दी जाए.