Odisha: खुद को GST अधिकारी बताकर ट्रक ड्राइवरों से वसूलते थे पैसे, पुलिस ने शातिर लुटेरों को धर दबोचा
Odisha News: गंजम इलाके से पुलिस ने चार शातिर बदमाशों को धर दबोचा है जो खुद को जीएसटी अधिकारी बताकर ट्रक ड्राइवरों से पैसे वसूलते थे. पुलिस ने उनके पास से कार, कैश, मोबाइल फोन बरामद किया है.
Odisha News:ओडिशा के गंजम जिले में खुद को जीएसटी अधिकारी बताकर आंध्र प्रदेश जा रहे ट्रकों से जबरन पैसे वसूलने के आरोप में पुलिस ने चार शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है. उनके पास से दो कार, पांच मोबाइल फोन और 1.40 लाख रुपये नकद बरामद किए गए हैं. पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी. चारों बदमाशों के नाम क्रमशः सीमांचल पांडा, 58 साल, सुशांत कुमार दलाई 35 साल, देबाशीष पटनायक 30 साल और टी गोपाल राव, 27 साल है.
पुलिस ने कहा कि सोमवार को आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले के एक ट्रक चालक ने पुलिस में इनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद छत्रपुर इलाके से इन सबको गिरफ्तार किया गया था.
खुद को जीएसटी अधिकारी बताकर करते थे वसूली
चारों आरोपियों ने एक ट्रक को रोका था, जो चावल और पान मसाला के साथ कोलकाता से आंध्र प्रदेश जा रहा था. चारों ने वाहन के मालिक को जीएसटी अधिकारियों के रूप में पहचान बताने के बाद फंड ट्रांसफर के जरिए 1.40 लाख रुपये की उगाही की. चालक ने आरोप लगाया कि ट्रक को जाने देने से पहले वे 60 पैकेट पान मसाला ले गए. इसके बाद ट्रक मालिक ने थाने में उनके खिलाफ शिकायत की थी, जिसके बाद चारों को गिरफ्तार किया गया.
ओडिशा में बर्खास्त आईएएस को सजा सुनाई गई
भुवनेश्वर में विशेष न्यायाधीश सतर्कता अदालत ने ओडिशा ग्रामीण आवास एवं विकास निगम में ऋण धोखाधड़ी के एक मामले में बर्खास्त आईएएस अधिकारी विनोद कुमार और पांच अन्य को सोमवार को तीन साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई. इन सभी छह आरोपियों को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(2) और 13(1)(डी) और आईपीसी की धारा 120बी, 468 और 471 के तहत दोषी ठहराया गया था.
इन सभी दोषियों पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया और कहा गया कि अगर दोषी जुर्माना अदा करने में विफल रहते हैं, तो उन्हें प्रत्येक अपराध के लिए छह महीने की और सजा काटनी होगी.
बता दें कि विनोद कुमार 4 जनवरी, 2000 से 15 मई, 2001 के बीच ओआरएचडीसी के प्रबंध निदेशक के पद पर तैनात थे. उन्होंने रश्मि मास कंस्ट्रक्शन को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 21.35 लाख का आवास ऋण मंजूर किया था. भ्रष्टाचार के मामलों में वे पहले भी पांच बार सजा काट टुके हैं ये उनकी छठी सजा है.