लखनऊ: उत्तर प्रदेश की पुलिस ने पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के आठ सदस्यों को कानपुर में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया है. सभी 8 आरोपियों को दो अलग-अलग ऑपरेशन में गिरफ्तार किया गया है. 3 आरोपी लखनऊ से गिरफ्तार हुए हैं. लखनऊ से गिरफ्तार आरोपियों के नाम शाकीलउर रहमान, शाबी खान और मोहम्मद अरसद बताए गए हैं.


जबकि PFI के 5 लोग कानपुर से गिरफ्तार हुए हैं. कानपुर से गिरफ्तार आरोपियों के नाम मोहम्मद उमेर, सैयद अब्दुल, फैजान मुमताज, मोहम्मद वासिक, सरवर आलम है. पुलिस का दावा है ये सभी आरोपी 20 दिसंबर को CAA के विरोध के0 दौरान हुई हिंसा में शामिल थे.



लखनऊ से गिरफ्तार आरोपी


यूपी में पीएफआई के बैंक खातों को खंगालने में जुटा ईडी


प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन लगभग 75 बैंक खातों को खंगालना शुरू कर दिया है, जिनका उपयोग कथित रूप से उत्तर प्रदेश में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) द्वारा फंडिंग देने के लिए किया गया था. हाल ही में पीएफआई पर आरोप लगा है कि वह नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध प्रदर्शनों के लिए फंडिंग का काम कर रहा है.


सूत्रों के मुताबिक, ईडी द्वारा प्राप्त बैंक के दस्तावेजों और सबूतों के अनुसार सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान एक दिन में इन खातों से कथित रूप से 90 बार पैसे निकाले गए थे.


ईडी के एक सूत्र ने दावा किया, "हम पीएफआई के सदस्यों और उनके समर्थकों के खातों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जहां सीएए के विरोध प्रदर्शनों के दौरान निकासी की गई है. विरोध प्रदर्शनों के हिंसक रूप लेने से कुछ समय पहले ही निकासी की गई थी. हम उन खातों की भी जांच कर रहे हैं, जहां इस अवधि के दौरान बड़ी रकम जमा की गई."



बैंकों के सीसीटीवी फुटेज फर भी नजर


पैसे निकालने के दिनों के विभिन्न बैंकों के सीसीटीवी फुटेज भी पीएफआई के समर्थकों की पहचान करने के लिए जुटाए जा रहे हैं. यह पहली बार है जब ईडी पीएफआई के वित्तीय पहलू की जांच कर रहा है, जिसके लिए राज्य सरकार ने पहले ही प्रतिबंध लगाने की मांग की है.


इससे पहले उत्तर प्रदेश पुलिस ने 25 पीएफआई सदस्यों को गिरफ्तार किया था, जो कथित तौर पर राज्य में सीएए के विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा के लिए जिम्मेदार थे. गिरफ्तार किए गए.


ईडी जानना चाहता है कि पीएफआई के बैंक खाते देश के किन-किन शहरों में है
सूत्रों के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय जानना चाहता है कि पीएफआई के बैंक खाते देश के किन-किन शहरों में है. उनमें पिछले कुछ सालों के दौरान कितना पैसा जमा हुआ है. यह पैसा कहां-कहां से आया और यदि पैसा नकदी के तौर पर जमा हुआ है तो वह पैसा किन लोगों ने और क्यों जमा कराया. साथ ही यह भी जानना चाहता है कि जो पैसा पीएफआई के खातों से निकाला गया, वह पैसा किसकी मद में कहां पर कैसे खर्च किया गया यानी कुल मिलाकर पीएफआ ई को मिलने वाली रकम पर अपना शिकंजा कसना चाहता है.



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