कॉल डिटेल लीक मामले में पुलिस ने दो और लोगों को किया गिरफ्तार
पुलिस ने महाराष्ट्र के यवतमाल से अजिंकय नागरगोची नाम के एक शख़्स को गिरफ़्तार किया है जो पुलिस के लिए साइबर एक्सपर्ट के तौर पर काम करता था और जिसने पुलिस की साइबर लैब से ही सीडीआर चुराया था.
मुंबई: सीडीआर यानि कि कॉल डिटेल रिकॉर्ड लीक मामले में पुलिस ने दो और बड़ी गिरफ़्तारियां की है. पुलिस ने महाराष्ट्र के यवतमाल से अजिंकय नागरगोची नाम के एक शख़्स को गिरफ़्तार किया है जो पुलिस के लिए साइबर एक्सपर्ट के तौर पर काम करता था और जिसने पुलिस की साइबर लैब से ही सीडीआर चुराया था. एबीपी न्यूज़ ने मंगलवार को बताया था कि कैसे पुलिसवाले भी जांच के घेरे में है.
पुलिस के मुताबिक आरोपी अजिंकय ने पुलिस के साइबर लैब से डेटा चुराकर ठाणे क्राइम ब्रांच द्वारा गिरफ़्तार जिगर मकवाना को 111 मोबाइल नंबरों के सीडीआर दिए थे. दरअसल आरोपी अंजिकय को महाराष्ट्र के यवतमाल जिले के एसपी की ऑफिशियल वेबसाइट बनाने और उसका मेंटेनेन्स करने की ज़िम्मेदारी दी गई थी. अजिंकय एसपी के साइबर लैब में बैठकर ये काम किया करता था जहां से यवतमाल पुलिस मोबाइल कंपनियों से सीडीआर मंगाने का काम करती थी. सीडीआर हासिल करने के लिए हर पुलिस फ़ोर्स का एक इमेल होता है. इस इमेल पर ही मोबाइल कंपनियां सीडीआर भेजती है.
अजिंकय ने ये इमेल आइडी और इसका पासवर्ड चुराकर इसका इस्तेमाल करके मोबाइल नेटवर्क कंपनियों को मेल भेजकर सीडीआर मंगाया करता था. पुलिस जाँच कर रही है कि क्या अजिंकय को कोई पुलिसवाला मदद तो नहीं कर रहा था. वहीं पुलिस ने हरप्रीत सिंह नाम के दूसरे आरोपी को एसडीआर बेचने के आरोप में गिरफ़्तार किया है. पुलिस का मानना है कि हो ना हो इसमें पुलिसवाले और मोबाइल नेटवर्क कंपनी के लोग शामिल हो सकते हैं. पुलिस इस मामले में और गिरफ़्तारियाँ बहुत जल्द करने जा रही है.
आपको बता दें कि मामले का खुलासा तब हुआ था जब ठाणे में एक जासूस को गिरफ्तार किया गया. इसके बाद चार और जासूसों की गिरफ्तारी हुई. इसी के बाद देश की पहली महिला जासूस रजनी पंडित को गिरफ्तार किया गया. इन लोगों के कब्जे से 177 सीडीआर बरामद किए गए. पुलिस ने जांच में पाया है कि इन्होंने बड़ी फोन कंपनियों के ग्राहकों के कॉल डेटा रिकॉर्ड यानी सीडीआर चुराए हैं.
क्यों खतरनाक है सीडीआर का डाटा लीक होना
जब आप फोन पर बात करते हैं तो मोबाइल कंपनियों के पास इसका डाटा तैयार होता रहता है. ये डाटा हर दिन, हर घंटे, हर मिनट का होता है जिसमें आपकी लोकेशन से लेकर आप किससे बात कर रहे हैं जैसी बातें शामिल होती हैं. ये निजी जानकारी सीडीआर के रूप में होती है जिसे खरीदना और बेचना पूरी तरह से गैरकानूनी है. इससे किसी को उस हद तक नुकसान पहुंचाया जा सकता है जिसकी कल्पना तक नहीं की जा सकती है. वहीं इससे किसी के नुक्सान के एवज में किसी को होने वाले फायदे की भी कल्पना नहीं की जा सकती है.
बता दें कि इस मामले में देश की चार बड़ी कंपनियां भी शामिल हैं. ये कंपनियां ICICI लोम्बार्ड, HDFC एर्गो, रिलायंस लाइफ इंश्योरेंस और कोटक महिंद्रा हैं. पुलिस ने इन चारों इंश्योरेंस कंपनियों के अधिकारियों का भी बयान लिया है. पुलिस ने इंश्योरेंस कंपनियों के अधिकारियों से उन मामलों के भी डिटेल मांगे है जिनके लिए ये सीडीआर लिए गए थे. आपको बता दें कि इंश्योरेंस कंपनियां दावों की पड़ताल के लिए सीडीआर लिया करती थीं.
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