अयोध्या: सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले पर फैसला आने से पहले फैजाबाद पुलिस ने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री पर नजर रखने के लिए 16 हजार स्वयंसेवियों को तैनात किया है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आशीष तिवारी ने बताया कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर जब आदेश आयेगा, उस समय शांति कायम रखने के लिए जिले के 1,600 स्थानों पर भी इतनी ही संख्या में स्वयंसेवियों को रखा गया है.
भारत के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई 17 नवम्बर को अपनी सेवानिवृत्ति से पहले मामले में फैसला सुना सकते है. जिला मजिस्ट्रेट अनुज कुमार झा ने देवी-देवताओं का "अपमान" करने के खिलाफ या राम जन्मभूमि से संबंधित जुलूस निकालने के वास्ते सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने के खिलाफ आदेश जारी किया. उन्होंने फैसले के मद्देनजर शांति का माहौल बिगड़ने की आशंका का उल्लेख करते हुए 28 दिसम्बर तक निषेधाज्ञा आदेशों को बढ़ा दिया.
एसएसपी ने कहा कि वे आतंकी हमलों, सांप्रदायिक दंगों, जन आक्रोश और विवादित स्थल पर किसी भी खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और सभी खामियों को भी ध्यान में रखा गया है.
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उन्होंने बताया कि पुलिस ने लोगों को शांति का माहौल बनाये रखने के लिए प्रोत्साहित करने के वास्ते जिले के 1,600 स्थानों पर 16 हजार स्वयंसेवियों की नियुक्ति की है और सोशल मीडिया पर निगरानी रखने के लिए इतनी ही संख्या में "डिजिटल वालंटियर" तैनात किए है. प्रशासन ने सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए स्वयंसेवियों के व्हाट्सएप समूह भी बनाये है.
एसएसपी ने बताया कि चार सुरक्षा क्षेत्र बनाये गये हैं: लाल, पीला, हरा और नीला. लाल और पीला सुरक्षा क्षेत्र केन्द्रीय पैरा सैन्य बल (सीपीएमएफ) द्वारा संचालित किया जायेगा जबकि हरा और नीला सुरक्षा क्षेत्र पुलिस के तहत होगा.