जबलपुर: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं. अब इन प्रदर्शनों में एक संगठन की भूमिका सामने आई है जो इसमें हिंसा की घटनाओं को कथित तौर पर अंजाम देता था. हिंसक प्रदर्शनों में सोशल डैमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) की भूमिका सामने आई है. बता दें कि एसडीपीआई, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) संगठन का ही हिस्सा है. खबरों के मुताबिक यूपी में इस पीएफआई पर बैन लगाया जा सकता है. यह एक उग्र इस्लामी कट्टरपंथी संगठन है.
एसडीपीआई से जुड़े लोग मध्य प्रदेश के जबलपुर सहित देशभर में हुए हिंसक प्रदर्शनों में शामिल पाए गए हैं. ऐसे में खुफिया एंजेंसियों के इनपुट पर एसडीपीआई संगठन से जुड़े लोगों की जांच के निर्देश दिए हैं. इसमें एसडीपीआई का प्रदेश अध्यक्ष इरफान-उल-हक के खिलाफ तो दंगा भड़काने का मुकदमा भी दर्ज किया गया है.
एसडीपीआई संगठन का प्रदेश अध्यक्ष इरफान-उल-हक अंसारी जबलपुर का ही रहने वाला है. इसी की अगुआई में जबलपुर में 13 दिसंबर से नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है. इरफान पर उपद्रव मचाने और पुलिसकर्मियों पर पथराव का आरोप है और वह फिलहाल फरार चल रहा है.
मामले पर जबलपुर के एसपी अमित सिंह ने बताया कि पूरे उपद्रव में पुलिस ने करीब 700 लोगों को आरोपी बनाया है लेकिन मुख्य एफआईआर में बतौर आरोपी इरफान उल हक का नाम चौथे नंबर पर दर्ज है. जबलपुर पुलिस द्वारा की गई इस एफआईआर के बाद से इरफान उल हक फरार हो गया है. उसकी तलाश जारी है. एसपी अमित सिंह के मुताबिक एसडीपीआई संगठन को लेकर उन्हें केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अलावा खुफिया एजेंसियों से इनपुट मिले हैं. मामले की जांच की जा रही है.
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