हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के अंब उपमंडल के मुबारिकपुर में तीन दिवसीय धर्म संसद के पहले ही दिन भड़काऊ भाषण देने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. पुलिस ने आयोजनकर्ता को भड़काऊ भाषण न देने लिए नोटिस जारी किया है. फिलहाल किसी भी अप्रिय घटना से बचने और सुरक्षा के लिहाज से भारी पुलिस बल बुला लिया गया है. मौके पर बटालियन की दो टुकड़ियां पहुंच गई हैं.
अक्सर अपने बयानों को लेकर विवादों में रहने वाले गाजियाबाद के डासना स्थित देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि केवल दिल्ली ही नहीं पूरे देश में हिंसा हो रहा है, कहां नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि उनकी जनसंख्या उनकी ताकत है. साल 2029 में भारत का पीएम मुसलमान बनेगा. महंत ने कहा कि मुसलमान पीएम बनते ही 50 प्रतिशत हिंदू धर्म परिवर्तन कर लेंगे. इस्लाम का राज आने पर यहां भी हिंदुओं के साथ वही होगा जो कश्मीर और पाकिस्तान में हुआ है.
उन्होंने कहा कि पहले केवल कश्मीर में हिंदुओं की शोभायात्रा पर पथराव तथा पूरे देश में हो रहा है. कश्मीर वाली स्थिति पूरे देश में हो रही है क्योंकि मुसलमान सरकार को मानते ही नहीं हैं. वह अपना राज लाना चाहते हैं. हिंदू अपने परिवारों को मजबूत करें. परिवार पैसे से नहीं बच्चों से मजबूत होते हैं. बच्चे को ज्यादा पैदा करें हिंदू. हमें मजबूत बच्चे चाहिए जो धर्म की रक्षा करें.
अखिल भारतीय संत परिषद की तीन दिवसीय धर्म संसद का आज शुभारंभ
दरअसल जिला ऊना के कस्बा मुबारिकपुर स्थित एक निजी होटल में अखिल भारतीय संत परिषद की तीन दिवसीय धर्म संसद का आज शुभारंभ किया गया. धर्म संसद की अध्यक्षता यति नरसिंहानंद सरस्वती खुद कर रहे हैं. उन्हीं के शिष्य यति सत्देवानन्द सरस्वती द्वारा इस धर्म संसद का आयोजन किया गया है. सनातन धर्म के संरक्षण और हिंदू समाज के विभिन्न धार्मिक पर्वों के सुरक्षित आयोजन के चिंतन मनन को लेकर संत समाज के साथ-साथ हिंदू संगठनों के प्रचार को और अन्य लोगों द्वारा यह धर्म संसद बुलाई गई है. संत समाज का कहना है कि वर्तमान परिदृश्य में हिंदू अपने ही देश में असुरक्षित हो चुके हैं. परिस्थिति यह है कि चाहे कोई भी राजनीतिक दल हो वह राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के चलते हिंदू हितों को कुचलने में कोई कमी नहीं रख रहा. जिससे हिंदू संस्कृति का लगातार पतन जारी है.
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