गुना: मध्य प्रदेश के गुना शहर के जगनपुर क्षेत्र में एक सरकारी मॉडल कॉलेज के निर्माण के लिये निर्धारित सरकारी जमीन के अतिक्रमण से जबरन निकाले गये एक दंपत्ति ने इस मुहिम के विरोध में कीटनाशक पी लिया.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को बताया कि अतिक्रमणकारी दंपत्ति और उनके परिवार के लोगों द्वारा अतिक्रमण हटाने की मुहिम का विरोध करने पर पुलिस को लाठीचार्ज करने के लिये मजबूर होना पड़ा.
कीटनाशक पी लेने के बाद पुलिस द्वारा दंपत्ति को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां फिलहाल उनकी हालत में सुधार है. कांग्रेस ने इस मुहिम की आलोचना करते हुए घटना के लिये जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
जिलाधिकारी एस विश्वनाथन ने कहा, ‘‘शहर की सीमा में सरकारी मॉडल कॉलेज के लिये एक जमीन आरक्षित थी. इस जमीन पर राजकुमार अहिरवार (38) और उसकी पत्नी सावित्री (35) खेत पर काम कर रहे थे. इन्हें वहां एक अतिक्रमणकर्ता गब्बू पारदी द्वारा बटाई पर काम दिया गया था.’’
उन्होंने बताया कि जब अधिकारियों ने इन्हें जमीन खाली करने के लिये कहा तो इन्होंने विरोध किया और गब्बू के इशारे पर दंपत्ति ने कीटनाशक पी लिया और उपचार के लिये अस्पताल जाने से भी इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि इससे दंपत्ति की जान जा सकती थी.
उन्होंने कहा कि दंपत्ति जगह छोड़ने के लिये तैयार नहीं थे और स्थिति गंभीर हो रही थी तो पुलिस ने उन्हें व अन्य लोगों को वहां से हटाने के लिये बल प्रयोग किया. इसके बाद दंपत्ति को उपचार के लिये अस्पताल पहुंचाया गया जहां उनकी हालत अब स्थिर है.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक कथित वीडियो में दिखाई दे रहा है कि पुलिस लाठी से एक आदमी को कथित तौर पर पीट रही है और उसकी पत्नी और अन्य लोग उसे बचाने का प्रयास कर रहे हैं. इसमें महिला भी अपने पति के ऊपर लेट जाती है और महिला पुलिसकर्मी उसे मौके से हटाते हुए नजर आ रही हैं.
पुलिस कार्रवाई का विरोध करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट में कहा, ‘‘ये शिवराज सरकार प्रदेश को कहाँ ले जा रही है ? ये कैसा जंगल राज है ? गुना में कैंट थाना क्षेत्र में एक दलित किसान दंपत्ति पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों द्वारा इस तरह बर्बरता पूर्ण लाठीचार्ज.’’
उन्होंने कहा, ‘‘यदि पीड़ित युवक का ज़मीन सम्बंधी कोई शासकीय विवाद है तो भी उसे क़ानूनी ढंग से हल किया जा सकता है लेकिन इस तरह क़ानून हाथ में लेकर उसकी , उसकी पत्नी की , परिजनों की और मासूम बच्चों तक की इतनी बेरहमी से पिटाई , यह कहाँ का न्याय है ? क्या यह सब इसलिये कि वो एक दलित परिवार से है , ग़रीब किसान है ? क्या ऐसी हिम्मत इन क्षेत्रों में तथाकथित जनसेवकों और रसूख़दारों द्वारा क़ब्ज़ा की गयी हज़ारों एकड़ शासकीय भूमि को छुड़ाने के लिये भी शिवराज सरकार दिखायेगी ? ऐसी घटना बर्दाश्त नहीं की जा सकती है. इसके दोषियों पर तत्काल कड़ी कार्रवाई हो , अन्यथा कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी.’’