Police Action On BJP Members In West Bengal: पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में हिंसा और तनाव का माहौल खत्म नहीं हो रहा. तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां, शिबू हाजरा और उत्तम सरदार पर महिलाओं द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों के मद्देनजर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने बशीरहाट में एसपी ऑफिस का घेराव करने के लिए बैरिकेट्स तोड़ने की कोशिश की. मंगलवार (13 फरवरी) को सैकड़ों की संख्या में एकत्रित हुए बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया और पुलिस से धक्का-मुक्की की. इस दौरान प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज हुआ.
न्यूज एजेंसी ANI ने इसका एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें देखा जा सकता है कि बीजेपी कार्यकर्ताओं को दौड़ा-दौड़ा कर पुलिस लाठियां बरसा रही है. प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए हैं. एसपी कार्यालय के आस-पास धारा 144 लागू कर दी गई. साथ ही भारी पुलिस फोर्स भी तैनात कर दी गई है.
घायल हुईं बीजेपी की कई महिला कार्यकर्ता
प्रदेश बीजेपी ने आरोप लगाया है कि गैरकानूनी तरीके से पुलिस लाठी चार्ज में बीजेपी की कई महिला कार्यकर्ता घायल हुई हैं. लाठीचार्ज के बाद प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया. इसके बाद पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे.
क्या कहना है बीजेपी नेताओं का?
प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि हम पुलिस से सवाल पूछेंगे कि यहां सालों से महिलाओं के साथ तृणमूल नेता यौन उत्पीड़न कर रहे थे तो आप लोग क्या कर रहे थे? बीजेपी का एक प्रतिनिधिमंडल ट्रेन से बशीरहाट पहुंचा और एसपी ऑफिस जाने की कोशिश की. नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ विधायक शुभेंदु अधिकारी ने पुलिस की कार्यवाही को गैरकानूनी करार दिया है.
हाई कोर्ट ने दिया धारा 144 हटाने का आदेश
कलकत्ता हाई कोर्ट ने संदेशखाली में महिलाओं पर यौन उत्पीड़न के आरोपों का स्वत: संज्ञान लिया है. साथ ही संदेशखाली इलाके में धारा 144 हटाने का आदेश दिया है. जस्टिस जय सेनगुप्ता ने संदेशखाली में एक मामले की सुनवाई करते हुए इलाके से धारा 144 हटाने का आदेश दिया है. हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को इस संबंध में राज्य, वरिष्ठ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है.
कोर्ट ने कहा कि वह संदेशखाली में महिलाओं के कथित यौन उत्पीड़न और कानूनी औपचारिकताओं और कानूनों का उल्लंघन करके आदिवासियों की जमीन छीनने की मीडिया रिपोर्टों से बहुत दुखी और परेशान हैं. अदालत ने निर्देश दिया कि राज्य, पुलिस महानिरीक्षक, बारासात रेंज के डीआइजी, पुलिस अधीक्षक और उत्तर 24 परगना जिले के जिला मजिस्ट्रेट को नोटिस जारी किया जाए.
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