दलित को नहीं दी पुलिस ने ठाकुर बहुल गांव में बारात ले जाने की इजाज़त
संजय कुमार जाटवा नाम के शख्स की जिले के निज़ामपुर गांव की लड़की शीतल कुमारी से आने वाली 20 अप्रैल को शादी होनी है. निज़ामपुर गांव ठाकुर बहुल गांव है. जहां केवल 40 दलित परिवार रहते हैं.
नई दिल्ली: पुलिस ने कासगंज जिले के एक गांव में दलित दूल्हे की शादी की बारात ले जाने पर रोक लगा दी है. पुलिस का कहना है कि यदि ऐसा किया गया तो इस इलाके में जाति हिंसा भड़क सकती है. कासगंज शहर हाल ही में हुई हिंसा की वजह से खबरों रहा था.
संजय कुमार जाटवा नाम के शख्स की जिले के निज़ामपुर गांव की लड़की शीतल कुमारी से आने वाली 20 अप्रैल को शादी होनी है. निज़ामपुर गांव ठाकुर बहुल गांव है. जहां केवल 40 दलित परिवार रहते हैं.
फरवरी में दोनों की सगाई के बाद शीतल कुमारी ने अपने मंगेतर संजय को बताया कि उसके गांव में ऊपरी जाति के लोग किसी दलित शादी की बारात ले जाने की अनुमति नहीं देते हैं. जब संजय ने पुलिस की अनुमति के लिए आवेदन किया तब पुलिस ने भी उनकी बारात निकाले जाने पर रोक लगा दी. पुलिस ने कहा कि यदि बारात इस इलाके से निकलती है तो इससे हिंसा भड़क सकती है.
टीओआई से बात करते हुए जाटव ने कहा, "मुझे इस बात का आश्चर्य है कि कोई भी दलित परिवार निज़ामपुर गांव में शादी की बारात नहीं ले जा पाया है. जब मैंने मुख्यमंत्री के ऑनलाइन शिकायत निवारण पोर्टल पर एक शिकायत दर्ज की तो कासगंज पुलिस ने मामले की जांच के लिए एक उप निरीक्षक नियुक्त किया. अपनी जांच में एसआई ने सिफारिश की थी कि बारात के लिए अनुमति नहीं दी जाएगी, क्योंकि इससे हिंसा बढ़ सकती है. जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक ने सिफारिश स्वीकार कर ली."
संजय अब इलाहाबाद उच्च न्यायालय में मामला लड़ने की तैयारी कर रहे हैं.