दिल्ली पुलिस ने बुधवार को एक संसदीय समिति से कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में बलात्कार की 98 फीसदी मामलों में पीड़िता आरोपियों की नजदीकी रिश्तेदार या उनकी परिचित थीं. कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा की अध्यक्षता वाली गृह मामलों की स्थाई समिति के समक्ष पुलिस ने यह जानकारी दी है.


विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने रखी अपनी बात


सूत्रों के अनुसार, दिल्ली पुलिस, गृह मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने समिति की बैठक के समक्ष अपनी बात रखी. इस बैठक का एजेंडा महिला विरोधी अपराधों में बढ़ोतरी पर विचार करना था. दिल्ली पुलिस ने समिति को बताया कि दिल्ली में बलात्कार के कुल मामलों में 44 फीसदी में आरोपी पीड़िता के परिवार के सदस्य या पारिवारिक मित्र थे, 13 फीसदी मामलों में आरोपी रिश्तेदार और 12 फीसदी पड़ोसी थे. समिति ने आगे कहा कि 26 फीसदी मामलों में आरोपी किसी ने किसी तरह पीड़िता को पहले से जानते थे और तीन फीसदी मामलों में आरोपी या तो नियोक्ता थे या फिर सहकर्मी थे. सिर्फ दो फीसदी मामलों में आरोपी अनजान व्यक्ति पाए गए. सूत्रों ने बताया कि समिति की बैठक में सदस्यों ने सुझाव दिया कि महिलाओं को लेकर संवेदनशीलता बढ़ाने और जागरुकता बढ़ाने की जरूरत है.


निर्भया रेपकांड ने पकड़ा था तुल 


बता दें कि 16 दिसंबर 2012 की रात दिल्ली में एक लड़की के साथ चलती बस में दुष्कर्म किया गया है. इसके साथ ही अपराधियों ने लड़की और उसके साथी को बुरी तरह पीटा भी था. लड़की अपने साथी के साथ बस में सवार होकर मुनीरका से द्वारका जा रही थी, तभी ये घटना हुई. इसके बाद अपराधियों ने उन दोनों को चलती बस से फेंक दिया और खुद बस लेकर फरार हो गए. इस घटना के बाद दिल्ली के लोग सड़क पर उतरे और पीड़िता को बचाने के लिए प्रार्थनाएं की, लेकिन पीड़िता की इलाज के दौरान मौत हो गई. वहीं, इस मामले में चारों दोषियों को तिहाड़ जेल में फांसी की सजा दी गई थी.


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