भोपाल में कांग्रेस के मार्च पर पुलिस ने किया वाटर कैनन का इस्तेमाल, कई नेताओं को हिरासत में लिया
मध्य प्रदेश में पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया. पुलिस ने रैली पर हल्का लाठी चार्ज भी किया और कई नेताओं को हिरासत में लिया.
भोपालः केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों को लेकर काग्रेस कई राज्यों में सड़क पर उतर कर प्रदर्शन कर रही है. मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने किसानों के समर्थन में आज राजभवन के घेराव का प्रयास किया. इस दौरान पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया.
राजभवन की ओर बढ़ने के दौरान रैली में काफी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए. मार्च के दौरान ही रैली में शामिल कार्यकर्ताओं और पुलिस में झड़प भी हुई. इस दौरान पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज भी किया.पुलिस ने कांग्रेस नेताओं दिग्विजय सिंह, जयवर्धन सिंह और कुणाल चौधरी को विरोध रैली के दौरान पार्टी के अन्य कार्यकर्ताओं के साथ हिरासत में लिया.
#WATCH Madhya Pradesh: Police use water cannons to disperse Congress workers who were taking out a march from Jawahar Chowk to Raj Bhavan in Bhopal, in the support of farmers. pic.twitter.com/7Jz6s5tdpv
— ANI (@ANI) January 23, 2021
कमलनाथ ने मध्यप्रदेश में एमएसपी नहीं मिलने का लगया आरोप पिछले सप्ताह भी मध्य प्रदेश कांग्रेस ने कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के समर्थन में एक विरोध रैली निकाली थी. पिछले सप्ताह की रैली में शामिल रहे पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि मध्य प्रदेश के अधिकांश किसानों को उनकी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) नहीं मिला है और तीन नए कानूनों के लागू होने से कृषि क्षेत्र में संकट और बढ़ेगा. वहीं, दिग्विजय सिंह ने इन्हें "काला कानून" बताते हुए कहा कि ये पूरी तरह से किसानों के हितों के खिलाफ हैं.
कृषि कानून के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर डटे हैं किसान केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ डेढ महीन से ज्यादा समय से हजारों की संख्या में किसान दिल्ली की सीमा पर डटे हुए हैं. वहीं11 राउंड की बातचीत के बाद सरकार और किसान संगठनों के बीच हो चुकी है. शुक्रवार को दोनों पक्षों के बीच हुई वार्ता बेनतीजा ही रही. किसान संगठनों ने सरकार के उस प्रस्ताव को खारिज़ कर दिया जिसमें तीनों क़ानूनों के अमल पर डेढ़ साल तक की रोक लगाने और एक कमिटी का गठन कर बिंदुवार चर्चा का सुझाव दिया गया था. यह भी पढ़ें- Birthday Anniversary: जब हिटलर से मिलने पहुंचे नेता जी तो उसने भेज दिया अपने हमशक्लों को, जानिए फिर क्या हुआ