Polio Virus: कोलकाता में पोलियो वायरस मिलने की रिपोर्ट्स की हुई जांच, सामने निकलकर आई ये बात
Polio Virus: स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कोलकाता में पोलियो वायरस के दोबारा पाए जाने की आशंकाओं को दरकिनार कर दिया है.
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Polio Virus: भारत को कई साल पहले ही पोलियो (Polio) मुक्त देश घोषित किया जा चुका है. अब कोलकाता (Kolkata) में पोलियो के मामले मिलने की चर्चाओं ने स्वास्थ्य को चिंता में डाल दिया था. इस मामले पर आज स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कोलकाता में पोलियो वायरस (Poliovirus) के दोबारा पाए जाने की आशंकाओं को दरकिनार कर दिया है. आधिकारिक सोर्स ने बताया कि कोलकाता में सीवेज के नमूने में पोलियो वायरस का दावा करने वाली रिपोर्ट गलत है. एनआईवी मुंबई (NIV Mumbai) ने जेनेटिक सीक्वेंसिंग (Genetic Sequencing) की और WHO से भी चर्चा की है. किसी भी देश में जहां ओरल पोलियो का टीका दिया जाता है, ऐसा हो सकता है. पिछली बार 2018 में दिल्ली में इस तरह के वीडीपीवी का पता चला था.
विशेषज्ञों ने शहर के सीवेज में मिले वायरस का अध्ययन किया और इसे निष्क्रिय पाया है. पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि शहर के मेटियाब्रुज इलाके में सीवेज में पाया गया पोलियो वायरस एक वैक्सीन वायरस है और इससे कोई खतरा नहीं है. उन्होंने कहा कि क्योंकि ये वाइल्ड वायरस है, इसलिये चिंता करने की कोई बात नहीं है. वैक्सीन वायरस का पता लगना असामान्य नहीं है, यह काफी स्वाभाविक है.
आखिरी बार 2011 में मिला था पोलियो का केस
पोलियो वायरस (Polio) का पता लगाने के लिए आम शौचालय, भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों की नालियों जैसे विभिन्न स्थानों पर निगरानी की जाती है. बता दें कि, बंगाल (Bengal) में आखिरी बार 2011 में हावड़ा (Howrah) में एक बच्चे के शरीर में पोलियो का पता चला था. इसके बाद 2014 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को पोलियो मुक्त देश घोषित कर दिया था. आठ साल पहले डब्ल्यूएचओ (WHO) की घोषणा के बावजूद, भारत पोलियो जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर रहा है और देश में पल्स पोलियो टीकाकरण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. रविवार का टीकाकरण कार्यक्रम हो या घर-घर जाकर टीकाकरण, पोलियो के खिलाफ अभियान केंद्र और राज्य स्तर पर लगातार जारी है.
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