मध्य प्रदेशः भील जाति के विवादित सवाल पर सियासी बवाल, कमलनाथ ने कहा- दोषियों को दंड मिलना चाहिए
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि लोक सेवा आयोग की परीक्षा में भील जाति को आपराधिक बताना शर्मनाक है. भील समाज ने देश को कई महापुरुष दिए जिनका हम सब सम्मान करते हैं.
भोपालः मध्य प्रदेश राज्य प्रशासनिक सेवा की परीक्षा में पूछे गए एक सवाल को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. यह सवाल भील जाति से संबंधित है. जिसमें भीलों को आपराधिक प्रवृत्ति का बताया गया है. इसके बाद प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है. बीजेपी ने इसे आदिवासियों का अपमान बताया है तो वहीं सीएम कमलनाथ ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं.
एमपी पीएससी के पेपर में भील समाज से सम्बंधित एक अन्य प्रश्न में कहा गया कि भील खाने कमाने के लिए गैर वैधानिक और अनैतिक काम में संलिप्त हैं. परीक्षा के दूसरे सत्र में जनरल एप्टि्यूट का पेपर था. इसमें आए एक गद्यांश के आधार पर भील जनजाति के बारे में यह विवादस्पद प्रश्न पूछे गए थे.
बीजेपी ने साधा सरकार पर निशाना
वहीं इस मामले पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि लोक सेवा आयोग की परीक्षा में भील जाति को आपराधिक बताना शर्मनाक है. भील समाज ने देश को कई महापुरुष दिए जिनका हम सब सम्मान करते हैं, इतनी बड़ी भूल के बावजूद भी अबतक जिम्मेदारों के खिलाफ कोई कार्रवाई न होना शर्मनाक है.
एमपीपीएससी की परीक्षा में आए गद्यांश में लिखा गया कि भीलों की आपराधिक प्रवृत्ति का भी एक प्रमुख कारण यह है कि सामान्य आय से अपनी देनदारियां पूरी नहीं कर पाता. इसलिए धन कमाने के लिए गैर वैधानिक और अनैतिक कामों में भी संलिप्त हो जाते हैं. वहीं इस पूरे मामले को गरमाता देख कांग्रेस सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं.
इस निंदनीय कार्य के लिए निश्चित तौर पर दोषियों को दंड मिलना चाहिए , उन पर कड़ी कार्रवाई होना चाहिए ताकि इस तरह की पुनरावृति भविष्य में दोबारा ना हो। मैंने जीवन भर आदिवासी समुदाय , भील जनजाति व इस समुदाय की सभी जनजातियो का बेहद सम्मान किया है , आदर किया है। 2/3
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) January 13, 2020
उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि आदिवासी समाज का सरकार सम्मान करती है, जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. आदिवासी समाज से जुड़े इस मामले के सामने आने के बाद प्रदेश के सीएम कमलनाथ ने भी इस पर संज्ञान लिया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि इस निंदनीय कार्य के लिए निश्चित तौर पर दोषियों को दंड मिलना चाहिए.
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