बेंगलुरु: कर्नाटक में नई राजनीतिक हलचल शुरू हो गई है. रमेश जारकिहोली और आनंद सिंह के इस्तीफे के बाद अब और 11 विधायकों के इस्तीफे सामने आए हैं. कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन के लिए ये अब तक का सबसे बड़ा झटका इसलिए कहेंगे क्योंकि सिद्धारमैया के कैंप के कई सीनियर लीडर इस इस्तीफे देने वालों की लिस्ट में शामिल है. कांग्रेस के 9 और जेडीएस के 3 विधायक स्पीकर से मिलने पहुंचे. स्पीकर उस वक़्त विधान सभा में उपस्थित नहीं थे. स्पीकर रमेश कुमार ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वे सोमवार तक मौजूद नहीं है ऐसे में उन मेंबर्स से वे मंगलवार को मिलेंगे. इस बीच 11 विधायकों के इस्तीफे राज भवन पहुंच चुके है.
कर्नाटक की जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन की सरकार के लिए यह बड़ा झटका है. इस संकट के मद्देनजर कांग्रेस के कर्नाटक प्रभारी केसी वेणुगोपाल बेंगलुरु पहुंच गये हैं. वहीं विदेश दौरे पर गए कर्नाटक कांग्रेस प्रेसिडेंट दिनेश गुंडू राव भी बेंगलुरु लौट रहे हैं. साथ ही निजी ट्रिप पर अमेरिका गए मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी भी बेंगलुरु लौट रहे हैं.
सूत्रों के मुताबिक राज्यपाल कर्नाटक में 17 जुलाई को विधानसभा में बहुमत साबित करने का आदेश दे सकते हैं. विधानसभा का सत्र 12 जुलाई को शुरू हो रहा है. इससे पहले ही कर्नाटक के विजयनगर के कांग्रेस विधायक आनंद सिंह ने सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार को इस्तीफा दे दिया था. जिसके बाद रमेश जारकीहोली ने भी इस्तीफा सौंपा था. यानी इस्तीफा देने वाले विधायकों की लिस्ट अब 13 हो चुकी है.
आज इस्तीफा सौंपने वाले विधायकों की लिस्ट में जेडीएस से ए एच विश्वनाथ, गोपलैहा, नारायण गौड़ा वहीं कांग्रेस से रामलिंगा रेड्डी, महेश कुमठाल्ली, बीसी पाटिल, शिवराम हेब्बर, सौम्या रेड्डी, सुभा रेड्डी बेरति सुरेश, मुनिरत्ना, प्रताप गौड़ा के अलावा रमेश जार्किहोलि भी है.
इस्तीफे की खबर सुनते ही कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार विधान सभा पहुंचे और कांग्रेस विधायक मुनिरत्ना का इस्तीफा ही फाड़ दिया. इसलिए इस्तीफा नहीं दे पाएं. बाद में रामलिंगा रेड्डी, बैयरती बसवराज, एसटी सोमशेखर और मुनिरत्ना ये चार विधायक डीके शिवकुमार के साथ बाहर निकले और सभी को डीके शिवकुमार अपने साथ अपने घर ले गए. साफ तौर पर इन सीनियर नेताओं को मनाने की कोशिश की जा रही है. ऐसे में मुनिरतना के अलावा 11 इस्तीफे राज भवन में सौंप दिए गए हैं.
इस वक़्त गठबंधन सरकार के पास 118 विधायक हैं. कांग्रेस के 79 में से 10 ने इस्तीफा दे दिया है. वहीं जेडीएस के 37 में से तीन ने इस्तीफा दे दिया है. जिससे कांग्रेस के 69 और जेडीएस के 34 विधायक बचे हैं. वहीं बीएसपी का 1 और निर्दलीय 1. ऐसे में गठबंधन का नंबर 105 हो जाता है. जबकि बीजेपी के पास 105 विधायक है.
कुल सीट 224 है और मैजिक नंबर 113 है. आज 13 विधायकों के इस्तीफे के साथ ही कुल संख्या 211 ही जाती है. यानी मैजिक नंबर 106. ऐसे में गठबंधन के पास 105 और ऐसे हालात में स्पीकर वोट कर सकते हैं. ऐसे में कांग्रेस के हालत केट ऑन द वॉल जैसी नजर आ रही है. अगर एक इस्तीफा और सामने आ जाता तो सरकार गिर भी सकती है. हालांकि कांग्रेस के बागी विधायक 14 का दावा कर रहे हैं. इस बीच ये विधायक विशेष फ्लाइट से HAL एयरपोर्ट से गोवा जा सकते हैं.
बीजेपी भी लगातार सरकार गिरने का दावा करती रही है. साफ है कर्नाटक का नाटक फिर एक बार शुरू हो गया है. जिसने कांग्रेस और जेडीएस की धड़कने बढ़ा दी है. सवाल यही कि क्या कर्नाटक में गठबंधन सरकार गिरने कि कगार पर पहुंच गई है?