पश्चिम बंगाल में राजनीतिक दलों ने बृहस्पतिवार को बंगाली उपराष्ट्रवाद का आह्वान करते हुए कहा कि अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती के खिलाफ ‘‘अभियान’’ ने इस बात को ‘‘साबित’’ कर दिया है कि भाजपा बंगालियों को आसान निशाना बनाती है. अगले साल होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले बंगाली उप-राष्ट्रवाद का मुद्दा भी धीरे-धीरे उभर रहा है. सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने अपने तीखे राजनीतिक मतभेदों के बावजूद इस मामले में एक स्वर में भाजपा की निंदा की.


इन दलों ने आरोप लगाया कि भाजपा ने साल के अंत में प्रस्तावित बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एक बंगाली महिला को ‘‘आसान निशाना’’ बनाकर फायदा उठाने की कोशिश की है.


भाजपा नेतृत्व ने हालांकि इस आरोप पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया. तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय प्रवक्ता सौगत राय ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि क्योंकि रिया एक बंगाली है, अदालत में दोषी साबित होने से पहले ही वह शोषित है. दुष्प्रचार अभियान एक बार फिर से बंगालियों के प्रति भाजपा की घृणा साबित करता है. हमने असम एनआरसी में भी कुछ ऐसा ही देखा था.’’


लोकसभा में कांग्रेस के नेता और पश्चिम बंगाल कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने मादक पदार्थों के आरोपों में रिया की गिरफ्तारी को बुधवार को ‘‘बेतुका’’ बताया था. उन्होंने कहा था, ‘‘रिया के पिता सेना के एक अधिकारी रह चुके हैं और उन्होंने देश की सेवा की है. रिया एक बंगाली ब्राह्मण महिला भी हैं; सुशांत को न्याय की व्याख्या, बिहारी के लिए न्याय की व्याख्या नहीं होनी चाहिए.’’


उन्होंने कई ट्वीट कर कहा था, ‘‘रिया के पिता को भी अपने बेटी के लिए न्याय मांगने का हक मिलना चाहिए. किसी भी मामले का मीडिया ट्रायल हमारी न्यायिक व्यवस्था के लिए शुभ नहीं है. सभी को न्याय मिले यही हमारे संविधान का मूल सिद्धांत है.’’


जब इस संबंध में भाजपा से संपर्क किया गया तो पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने इस मामले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने से इनकार कर दिया. तीन दिन की पूछताछ के बाद मादक पदार्थ नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े मादक पदार्थ मामले में मंगलवार को चक्रवर्ती (28) को गिरफ्तार कर लिया था. उन्हें स्थानीय अदालत ने 22 सितम्बर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.