उत्तराखंड में फिलहाल सियासी सस्पेंस खत्म हो गया है. प्रदेश बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता और बीजेपी विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने सोमवार की देर रात मीडिया से बात करते हुए कहा कि मंगलवार को किसी भी विधायक को बातचीत के लिए नहीं बुलाया गया है. उन्होंने कहा- "फिलहाल विधायक दल की कोई फॉर्मल बैठक नहीं बुलाई गई है. बीजेपी के विधायकों में सीएम को लेकर कोई भी रोष नहीं है.जो भी नीतिगत निर्णय है, वो भाजपा का पार्लियामेंट्री बोर्ड लेता है. उसकी हमें जानकारी नहीं है." इससे पहले ऐसी खबर थी कि उत्तराखंड के सभी विधायकों को देहरादून में बैठक के दौरान उपस्थित रहने के लिए कहा गया है.
इधर, त्रिवेंद्र सिंह रावत बीजेपी के शीर्ष नेताओं के साथ मुलाकात के लिए सोमवार को दिल्ली पहुंचे थे. बीजेपी के उपाध्यक्ष रमन सिंह और महासचिव दुष्यंत सिंह गौतम ने राज्य से लौटने पर पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा को अपनी रिपोर्ट सौंप दी. दोनों नेता राज्य के भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मिलने गए थे.
बीजेपी पर्यवेक्षक दल ने सौंपी रिपोर्ट
पार्टी नेतृत्व ने उत्तराखंड में घटनाक्रम के संबंध में आधिकारिक तौर पर कोई टिप्पणी नहीं की है. हालांकि, गौतम ने कहा था कि सिंह और वह प्रदेश सरकार के चार साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 70 विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले कार्यक्रमों के बारे में चर्चा करने के लिए राज्य गए थे.
प्रदेश के एक धड़े के नेताओं के रावत के नेतृत्व से नाराज होने की खबरें आयी हैं और उनका मानना है कि रावत के नेतृत्व में पार्टी का भविष्य ठीक नहीं दिख रहा. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक सूत्रों ने बताया कि पार्टी राज्य मंत्रिमंडल में फेरबदल भी कर सकती है. वर्ष 2017 में राज्य विधानसभा की 70 में से 57 सीटें जीतने के बाद भाजपा ने रावत को मुख्यमंत्री बनाया था.
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